अपने भोजन को हेल्दी कैसे बनाएं, इस पर हमें हमेशा ही विचार करते रहना चाहिए, क्योंकि शरीर के लिए हेल्दी भोजन बहुत जरूरी है। इसके लिए बस अपने खाना बनाने की स्टाइल में थोड़ा सा परिवर्तन और समझदारी दिखाकर हम ऐसा कर सकते हैं।
फैट को कट डाउन करें
सबसे पहले तो आप सब्जी छौंकने के लिए नॉन स्टिक कढ़ाई का यूज करें, क्योंकि इसमें ऑयल बहुत ही कम लगता है। एक-दो बूंद ऑयल डालें जितने में बस जीरा भुन जाए। उसके बाद अगर सब्जी जलने लगे तो हल्का सा पानी का छींटा लगाकर भी उसे बनाया जा सकता है। ऑयल भी कम फैट वाला हो, जैसे कि ऑलिव ऑयल। इससे भोजन में बहुत कम फैट आएगा और खाने का स्वाद भी बरकरार रहेगा।
नमक को कट डाउन करें
सब्जियों को छौंकते समय ही उस में नमक डालें। खाना के बनाने के बाद ऊपर से और नमक ना डालें। कम सोडियम वाले नमक का प्रयोग करें। इसके अलावा फलों में भी ऊपर से नमक डालकर खाने की अगर आपको आदत है तो उसे बदल डालिए, क्योंकि यह अच्छी आदत नहीं है। इससे आपके शरीर में नमक की अधिक मात्रा हो जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। खाने में सेंधा नमक का प्रयोग ज्यादा करें।
ब्राउन ब्रेड का उपयोग करें
सफेद ब्रेड के स्थान पर गेहूं से बनी या ब्राउन ब्रेड को और सामान्य पास्ता की जगह मल्टीग्रेन पास्ता का उपयोग करें। प्रोसेस्ड कार्बोहाइडेट, जो सफेद ब्रेड में पाएं जाते हैं, उनमें पोषक तत्वों को खोजना बहुत मुश्किल होता है और इसलिए इन्हें खाली कैलोरी वाला माना जाता है।
सॉफ्ट या एनर्जी ड्रिंक्स ना लें
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तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
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एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
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