शादी सात जन्मों का रिश्ता होता है और इसे निभाने के कुछ आम नियम होते हैं। यह सोच अब पुरानी बात हो गई। क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि शादी के कुछेक माह के बाद आपको यह अहसास हुआ हो कि में अपनी मां की तरह अपनी शादीशुदा जिंदगी को जीने की कोशिश कर रही हूं? या फिर आपके पति अपने पिता की तरह रिश्ते में व्यवहार कर रहे हों? दरअसल, अपने माता-पिता या अन्य रिश्तेदारों को देखते हुए हम सब जाने-अनजाने में उनके रिश्ते से कई चीजों की नकल अपने रिश्ते में करने लगते हैं। पर, ऐसा करने से अधिकांश मामलों में निराशा ही हाथ आती है। शादी, ब्याह और रिश्ते के पुराने नियम 2022 या आनेवाले सालों में भी कारगर साबित हों, यह कतई जरूरी नहीं है। बेहतरी इसी में है कि आप दोनों अपने रिश्ते के नए नियम बनाएं। ऐसे नियम, जो आप दोनों के रिश्ते, स्वभाव और आपसी सामंजस्य के अनुरूप हों और उसे बढ़ावा दें।
झगड़े तो कल सुबह भी निपट जाएंगे
Esta historia es de la edición December 17, 2022 de Anokhi.
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जेवर से बदलेगा आपका तेवर
हमेशा न तो शानदार डिजाइनर कपड़े पहने जा सकते हैं और न ही सिर से नख तक तैयार हुआ जा सकता है। ऐसे दिनों में सही जेवर का चुनाव करके आप साधारण कपड़ों में भी बेहद आकर्षक लग सकती हैं। कैसे सीखें यह गुर, बता रही हैं राघव शर्मा
कम न आंकें अपना यह दुख
कभी गौर किया है कि अधिकांश महिलाएं गर्भावस्था के तीन माह पूरे होने के बाद ही नाते-रिश्तेदारों से यह खुशखबरी क्यों साझा करती हैं? दरअसल, दुनिया भर में गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भपात होना बेहद आम है। क्या हैं इसके कारण और कैसे बचें इससे, बता रही हैं डॉ. उषा प्रियंबदा
आपका अधिकार है सुरक्षित कार्यस्थल
अपनी सुरक्षा की चिंता किए बिना बेफिक्र होकर नौकरी करना हर महिला का अधिकार है। कार्यस्थल पर महिला को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए भारत में अलग से एक कानून है। क्या है यह कानून और इसके तहत क्या हैं आपके अधिकार, बता रही हैं शमीम खान
मसाज के लिए प्रभावी हैं ये टूल्स
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार सौंदर्य विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, गुंजन तनेजा
मूंगफली के मजेदार रूप
खाली समय बिताने के लिए मूंगफली खाते हुए लोग ठंड की दुपहरी में आपको अकसर नजर आ जाएंगे। सर्दी के इस पसंदीदा स्नैक्स को और किस तरह से अपने आहार का बनाएं हिस्सा, बता रही हैं शुभांगी जैन
अपेक्षाओं के तले गुम न जाए बचपन
बच्चे के बेहतर भविष्य की आशा करने में कुछ गलत नहीं है। पर, जब यह आशा अपेक्षाओं का रूप लेकर बचपन को ही गुम करने लगे तो ठीक नहीं। अपने बच्चे से किस तरह की अपेक्षाएं करना ठीक नहीं, बता रही हैं स्वाति गौड़
और कितना करेंगी अपनी खुशियों से समझौता?
परिवार, समाज और लोगों की प्रतिक्रियाओं की परवाह में महिलाएं ऐसे रिश्तों को भी ताउम्र ढोती रह जाती हैं, जो बदले में उन्हें दुख और अपमान के अलावा कुछ और नहीं देता। क्यों जरूरी है कि इस मामले में वे अब अपनी खुशी से समझौता करना बंद कर दें, बता रही हैं ममता
खुशबू खोलेगी आपके राज
सुगंध का हमसे बहुत पुराना नाता है। किसी के व्यक्तिव के बारे में समझने में सुगंध की बड़ी भूमिका होती है। देखने-सुनने के अलावा व्यक्ति की महक उसके बारे में बहुत कुछ बयां कर देती है। अपने व्यक्तिव को कैसे बनाएं सुगंधित, बता रही हैं स्वाति शर्मा
लघु उद्योग में पुरुषों से आगे हैं हम
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
नहीं कीजिए एक्सेसरीज की अनदेखी
ठंड में शरीर पर कपड़ों की परत ही इतनी ज्यादा होती है कि एक्सेसरीज को अधिकांश लोग भूल ही जाते हैं। पर, क्या आप जानती हैं कि ठंड से बचाने और आपके लुक को आकर्षक बनाने वाली कई एक्सेसरीज को आप इस मौसम में भी अपने अंदाज का हिस्सा बना सकती हैं? कौन-कौन सी हैं ये एक्सेसरीज