सर्दियां आई नहीं कि चाय और कॉफी के दौर शुरू हो जाते हैं। दो प्याली चाय पीने से पहले सुबह नींद नहीं खुलती और देर रात तक जागते हुए काम पूरा करने के लिए कॉफी के बड़े प्याले के बिना काम नही चलता। भारत में दिन में दो से चार कप चाय या कॉफी पीना आम बात है। मेहमान आ गए तो कहने ही क्या ! खुद भारत सरकार के आंकड़े बताते हैं कि भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक है, लेकिन उत्पादन की 80 से 85 प्रतिशत चाय की खपत देश में हो जाती है। वहीं एक अध्ययन बताता है कि भारत में कॉफी की खपत दुनिया भर के देशों की तुलना में तेजी से बढ़ रही है और 2027 तक यह वर्तमान खपत से दोगुनी हो सकती है। यह खपत देश में खराब होती जीवनशैली की ओर इशारा करती है। चाय का शौकीन होना अलग बात है, लेकिन जरूरत से ज्यादा कोई भी चीज नुकसान ही करती है। इसलिए अगली बार अगर आपको चाय या कॉफी की हुड़क लगे तो पहले यह सोच लें कि कहीं आप अपने रोज के कोटे के ऊपर तो नहीं जा रहीं और इसकी जगह और क्या कुछ ऐसा पी सकती हैं, जिससे आपको ये पीने की जरूरत ही न पड़े ?
क्या हैं नुकसान
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