आपकी वॉशिंग मशीन से लेकर टीवी तक, मोबाइल से घड़ी तक अब सब कुछ स्मार्ट हो चुका है। तो ऐसे में वह जगह जहां हम महिलाएं अपनी जिंदगी में सबसे अधिक वक्त बिताती हैं यानी हमारे घर की रसोई, वही 80 के दशक वाली क्यों बनी रहे? अकसर घर का इतना जरूरी कोना तमाम सुविधाओं और आवश्यकताओं से महरूम रह जाता है। नतीजा, झटपट खत्म हो सकने वाला काम भी कई बार कम जगह, बेतरतीब रखे सामान और बुनियादी सुविधाओं के अभाव के चलते लंबा खिंच जाता है। कुछ बदलावों को अपनाकर आप भी अपने 80 के दशक वाली रसोई को आज की स्मार्ट रसोई बना सकती हैं। जरूरत है, तो सही जानकारी, चुनाव और समझदार प्रयोग की, ताकि रसोई में काम करना भी सुविधाजनक हो सके।
बनाएं मॉड्यूलर किचन
हमारे किचन में कितनी भी जगह हो, वह छोटी ही पड़ जाती है। आपकी इस समस्या का समाधान तब होगा, जब आपकी रसोई मॉड्यूलर हो जाएगी। इसमें तमाम सारे कैबिनेट और एक्सेसरीज की मदद से जगह का अच्छे से इस्तेमाल हो पाता है। इस बाबत इंटीरियर डिजाइनर शौर्या पांडेय कहती हैं कि मॉड्यूलर किचन में आपके पास वायर दराज, कैरोसेल, एडजेस्टेबल शेल्फ, पुल आउट कैबिनेट, बिन होल्डर वगैरह के ढेरों विकल्प मौजूद होते हैं। आप अपनी आवश्यकता के हिसाब से इनके आकार, डिजाइन, पैटर्न चुन सकत हैं। इन्हें टिकाऊ और दाग-प्रतिरोधी रखना चाहती हैं तो बेहतर होगा कि आप स्टेनलेस स्टील, पीवीसी और समुद्री प्लाई सरीखे मैटीरियल का प्रयोग करें। इतना ही नहीं, मॉड्यूलर किचन रसोई की सफाई की समस्या को भी आसान बना देती है।
सिंक में कीजिए बदलाव
रसोई में सबसे ज्यादा जरूरी होता है, सिंक। अब आप सोच रही होंगी कि भला सिंक में बदलाव लाकर कैसे आप अपने काम को सुविधाजनक बना सकती है? अब जरा इस बात पर गौर कीजिए कि सब्जियों को धोने, सुखाने, काटने में आपका किचन कितना फैल जाता है? ऐसे में मल्टीपर्पस सिंक हो तो? जी, हां हम ऐसे सिंक की बात कर रहे हैं, जिसमें आप सिर्फ सब्जी धोएंगी ही नहीं बल्कि वह उन्हें उसे सुखाने और काटने के लिए वर्क स्टेशन के तौर पर भी काम करेगा।
हो पर्याप्त रोशनी
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