इस बार मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता कुछ अलग कारणों से चर्चा में है क्योंकि इस साल मिस यूनिवर्स का खिताब जीतने वाली निकारगुआ की शेन्निस पलासियोस से ज्यादा सुर्खियां मिस नेपाल न दीपिका गैरेट ने बटोरी हैं। दरअसल, मिस नेपाल ने सुंदरता के बरसों से चले आ रहे पैमानों को खारिज करते हुए पहली प्लस साइज (थोड़े ज्यादा वजन वाले) प्रतियोगी के रूप में ना केवल मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में हिस्सा लिया बल्कि अपने आत्मविश्वास के दम पर विजेता से ज्यादा वाहवाही भी बटोरी। फौरी तौर पर देखा जाए तो जेन दीपिका गैरेट का यूं सुर्खियों में आना महिलाओं के पक्ष की ही बात है, लेकिन यदि आप इस बात की गहराई में जाएंगी तो समझ आएगा कि महिलाओं के ऊपर नपे-तुले मानकों के आधार पर खूबसूरत दिखने का कितना भारी दबाव होता है।
सुंदरता के अर्थहीन मापदंड
गोरा-चिट्टा रंग, बड़ी-बड़ी आंखें, सुराही - सी गर्दन और छरहरी काया... ये सुंदरता की कुछ ऐसी अनिवार्य शर्तें हैं, जिन पर खरा उतरे बिना किसी लड़की को खूबसूरत कहा ही नहीं जाता। लेकिन हैरानी की बात यह है कि सारी दुनिया आंखें मूंद कर जाने कब से इसी को सच मानती आ रही है। महिलाएं स्वयं भी इन मापदंडों की ही वकालत करती हैं। यकीन ना हो तो किसी शादी लायक लड़के की मां से पूछ लीजिए कि कैसी बहू चाहिए? सबसे पहली इच्छा ही यह होगी कि लड़की पतली, गोरी और लंबी होनी चाहिए। चिंताजनक बात यह है कि हमारे देश के अधिकांश घरों में लड़कियां यही सब सुनते हुए बड़ी होती हैं और इसी को अपने जीवन का सच भी मान लेती हैं।
बदलें अपनी सोच
Esta historia es de la edición December 9, 2023 de Anokhi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición December 9, 2023 de Anokhi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
डॉक्टरी निगरानी में रहना है जरूरी
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार स्त्री रोग विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ. अर्चना धवन बजाज
सूप से मिलेगी भीतरी गर्माहट
ठंड को मौसम हो और सूप की बातें न हो, भला यह कैसे हो सकता है। इस बार ठंड को मात देने के लिए कौन-कौन से सूप बनाएं, बता रही हैं पावनी गुप्ता
सर्दी के सिर दर्द की छुट्टी
सर्दी में सिर दर्द की समस्या बढ़ जाना आम है। यह समस्या जितनी आम है, इसका सामधान निकालना भी उतना आसान है। बस कारण को समझकर उसके निवारण के कुछ प्रयासों को अपनाना होगा, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
स्मार्टफोन बनेगा आपका फिटनेस कोच
स्मार्टफोन के बिना अब दैनिक जिंदगी की कल्पना करना संभव नहीं। इसका इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि फिटनेस के लिए भी करें। कैसे ? बता रही हैं शांभवी
नीबू का छिलका भी है करामाती
नीबू का पूरा इस्तेमाल करना क्या आपको आता है या फिर आप भी रस निचोड़ने के बाद नीबू का छिलका यों ही फेंक देती हैं ? नीबू के साथ-साथ उसका छिलका भी कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है, बता रही हैं नीलम भटनागर
बच्चे को सिखाएं मुहांसों से लड़ना
मुहांसों से लड़ाई में आप भले ही एक्सपर्ट हो चुकी हों, पर आपका टीनएज बच्चा लड़ाई के इस मैदान में अभी नया है। कैसे अपने बच्चे को मुहांसों का सामना करने का तरीका सिखाएं, बता रही हैं शमीम खान
कामकाजी महिलाओं की मंजिल अभी दूर है
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
कड़वे रिश्ते के कुचक्र से खुद को करें आजाद
खुशहाल रिश्ते जहां मन को सींचते हैं, वहीं कड़वे रिश्ते जिंदगी से खुशी के कण-कण को सोख लेते हैं। कड़वे रिश्ते की डोर से खुद को कैसे करें आजाद, बता रही हैं स्वाति गौड़
घर की थाली में कितना है पोषण?
क्या पेट भरना और भरपूर पोषण लेना एक बात है ? नहीं। लेकिन घर के खाने के मामले में हम मान लेते हैं कि पेट भरकर खाने से सेहत बन ही जाएगी। पर, विशेषज्ञों की राय इससे इतर है। सेहतमंद भोजन के लिए क्या-क्या जरूरी है, बता रही हैं स्वाति शर्मा
सबसे जुदा है इस जींस का अंदाज
जैसे जींस के बिना वॉर्डरोब अधूरा है, ठीक वैसे ही हाई वेस्ट जींस के बिना फैशन अधूरा है। कैसे इस जींस की करें सही स्टाइलिंग, बता रही हैं