बदल रहे हैं पापा भी
Anokhi|June 15, 2024
पिता और बच्चे के संबंधों में पिछले कुछ दशकों में बड़ा बदलाव आया है। पिता अब बच्चे के दोस्त बनने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। फादर्स डे (16 जून) के मौके पर आइए डालें, इस बदलते रिश्ते पर एक नजर, बता रही हैं शाश्वती
शाश्वती
बदल रहे हैं पापा भी

हमारे आसपास की दुनिया बदल रही है। इस बदलती दुनिया का असर न सिर्फ हमारे परिवेश पर पड़ रहा है बल्कि हमारे रिश्तों पर भी पड़ रहा है। मम्मी से तो बच्चों की दोस्ती पहले से रही है, अब पापा भी यार बनने लगे हैं। पहले पिता जहां बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों की जरूरतों को पूरा करने वाली अपनी भूमिका में बंधे हुए थे, वहीं अब बच्चे के जन्म से लेकर उसकी परवरिश के हर कदम पर मां का पूरा साथ देने लगे हैं। आज के बच्चे जितने सहज अपनी मां के साथ होते हैं, उतनी ही सहजता पिता के साथ उनके संबंधों में हो गई है। वे दिन गए जब मां, पिता के नाम की धमकी देकर बच्चों से सारे काम करवाती थीं। पिता और बच्चे के रिश्ते में आई यह सहजता ही नए जमाने के पिता की असली कमाई है। आज के पापा अपने बच्चे को ना सिर्फ पढ़ाई व करियर से जुड़े सुझाव देते हैं बल्कि पीरियड से लेकर टीनएज से जुड़े मुद्दों पर भी उनसे बेझिझक होकर बात करते हैं। संभव है कि पिता और बच्चे के रिश्ते में आया यह बदलाव कई लोगों को अचरज भरा लगे, पर दोनों पक्षों के भावनात्मक जरूरतों के लिए यह एक ऐसे खाद का काम करता है, जिससे बच्चों के विकास पर न सिर्फ सकारात्मक असर पड़ता है बल्कि पिता की खुशियां भी कई गुना बढ़ जाती हैं।

लग्जरी नहीं, जरूरत है पिता का साथ

Esta historia es de la edición June 15, 2024 de Anokhi.

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