बीते नौ अगस्त को कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ जो हुआ, उससे पूरे देश की रूह कांप गई थी। ये वही धरती है, जो मां काली की अपार शक्तियों के लिए जानी जाती है। यहां की मिट्टी से मां दुर्गा का रूप निखरता है और यहां देश भर में सबसे ज्यादा जोर-शोर से मां भगवती की उपासना की जाती है। कहते हैं मां में अपार शक्तियां समाई हैं। जिसे देवता नहीं हरा पाए, उसे मां ने अकेले अपने दम पर हराया और दुर्गा कहलाईं। इन चंद दिनों में घर-घर कन्या पूजी जाती हैं और यह भी माना जाता है कि हर स्त्री में दुर्गा का रूप बसता है।
पर, असल जिंदगी में क्या वाकई ऐसा है? ये किस तरह का दोहरा चरित्र है ? जिन रिश्तों की दुहाई देकर हमारे समाज ने महिलाओं को मर्यादा में बांध दिया, उसी मर्यादा को भंग करने की खबरें हर रोज देश के अलगअलग हिस्सों से आती हैं। इस मामले में उम्र तक की सीमा मायने नहीं रखती। निर्भया से लेकर उस पीड़ित डॉक्टर तक कई लड़कियां रहीं, जिनको इंसाफ दिलाने लोग सड़क पर उतर आए। लेकिन क्या वही लोग कभी अपने घर की उस पीड़िता को इंसाफ दिला पाए, जो बरसों से एक आग में जल रही है? दरअसल हमने एक ऐसी झूठी दुनिया में जीना सीख लिया है, जहां हम अपने ही दोहरे चरित्र को पहचानने में पीछे रह जा रहे हैं। ऐसे में समाज से बेहतरी की उम्मीद करने से बेहतर है कि हम महिलाएं खुद ही सशक्त बन जाएं। इसके लिए मां भगवती के नौ स्वरूप हमें दिशा दिखा सकते हैं। मां का हर स्वरूप अपनी एक कहानी बताता है और एक स्त्री चाहे तो मां के इन्हीं स्वरूपों को खुद में उतार कर अपनी जंग अकेले ही लड़ सकती है। इसी समाज में ऐसी महिलाएं भी रही हैं, जिन्होंने उदाहरण पेश किए और दुर्गा बनकर दुनिया को हैरान कर दिया:
मां दुर्गा की सीख से संवारें जिंदगी
मां शैलपुत्री से सीखें खुद को पहचानना
Esta historia es de la edición October 05, 2024 de Anokhi.
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जेवर से बदलेगा आपका तेवर
हमेशा न तो शानदार डिजाइनर कपड़े पहने जा सकते हैं और न ही सिर से नख तक तैयार हुआ जा सकता है। ऐसे दिनों में सही जेवर का चुनाव करके आप साधारण कपड़ों में भी बेहद आकर्षक लग सकती हैं। कैसे सीखें यह गुर, बता रही हैं राघव शर्मा
कम न आंकें अपना यह दुख
कभी गौर किया है कि अधिकांश महिलाएं गर्भावस्था के तीन माह पूरे होने के बाद ही नाते-रिश्तेदारों से यह खुशखबरी क्यों साझा करती हैं? दरअसल, दुनिया भर में गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भपात होना बेहद आम है। क्या हैं इसके कारण और कैसे बचें इससे, बता रही हैं डॉ. उषा प्रियंबदा
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अपनी सुरक्षा की चिंता किए बिना बेफिक्र होकर नौकरी करना हर महिला का अधिकार है। कार्यस्थल पर महिला को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए भारत में अलग से एक कानून है। क्या है यह कानून और इसके तहत क्या हैं आपके अधिकार, बता रही हैं शमीम खान
मसाज के लिए प्रभावी हैं ये टूल्स
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार सौंदर्य विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, गुंजन तनेजा
मूंगफली के मजेदार रूप
खाली समय बिताने के लिए मूंगफली खाते हुए लोग ठंड की दुपहरी में आपको अकसर नजर आ जाएंगे। सर्दी के इस पसंदीदा स्नैक्स को और किस तरह से अपने आहार का बनाएं हिस्सा, बता रही हैं शुभांगी जैन
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बच्चे के बेहतर भविष्य की आशा करने में कुछ गलत नहीं है। पर, जब यह आशा अपेक्षाओं का रूप लेकर बचपन को ही गुम करने लगे तो ठीक नहीं। अपने बच्चे से किस तरह की अपेक्षाएं करना ठीक नहीं, बता रही हैं स्वाति गौड़
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परिवार, समाज और लोगों की प्रतिक्रियाओं की परवाह में महिलाएं ऐसे रिश्तों को भी ताउम्र ढोती रह जाती हैं, जो बदले में उन्हें दुख और अपमान के अलावा कुछ और नहीं देता। क्यों जरूरी है कि इस मामले में वे अब अपनी खुशी से समझौता करना बंद कर दें, बता रही हैं ममता
खुशबू खोलेगी आपके राज
सुगंध का हमसे बहुत पुराना नाता है। किसी के व्यक्तिव के बारे में समझने में सुगंध की बड़ी भूमिका होती है। देखने-सुनने के अलावा व्यक्ति की महक उसके बारे में बहुत कुछ बयां कर देती है। अपने व्यक्तिव को कैसे बनाएं सुगंधित, बता रही हैं स्वाति शर्मा
लघु उद्योग में पुरुषों से आगे हैं हम
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
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ठंड में शरीर पर कपड़ों की परत ही इतनी ज्यादा होती है कि एक्सेसरीज को अधिकांश लोग भूल ही जाते हैं। पर, क्या आप जानती हैं कि ठंड से बचाने और आपके लुक को आकर्षक बनाने वाली कई एक्सेसरीज को आप इस मौसम में भी अपने अंदाज का हिस्सा बना सकती हैं? कौन-कौन सी हैं ये एक्सेसरीज