नवरात्र के दौरान बड़ी संख्या में लोग व्रत रखते हैं। यह व्रत न सिर्फ मां की आराधना का एक प्रभावी जरिया है बल्कि सेहत के लिहाज से भी फलदायी है। वैसे तो सप्ताह में एक दिन व्रत रखना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है, पेट को आराम मिलता है और मेटाबॉलिक रेट भी तेज होता है। लेकिन कुछ लोगों को व्रत रखने पर ज्यादा भूख सताने लगती है और वह सामान्य दिनों से भी ज्यादा खाने लगते हैं। वहीं कुछ लोगों को उपवास के दौरान इतनी कमजोरी महसूस होती है कि वे पूरे दिन निढाल पड़े रहकर जैसे-तैसे व्रत पूरा करते हैं। इन दोनों ही स्थितियों में महिलाओं के लिए खासतौर पर परेशानी बढ़ जाती है क्योंकि ज्यादा खाने से या तो वजन बढ़ जाता है या कुछ भी ना खाने से शक्ति बिलकुल खत्म हो जाती है। ये दोनों ही स्थिति सेहत के लिहाज से ठीक नहीं। ऐसे में अपने फलाहार में किन चीजों को शामिल करें ताकि सेहत से समझौता ना हो, आइए जानें:
मोतियों-सा साबूदाना
टैपिओका पर्ल्स के नाम से जाना जाने वाला साबूदाना व्रत में बड़े चाव से खाया जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट काफी उच्च मात्रा में होता है और यह पचने में भी बहुत आसान होता है। यही वजह है कि बच्चों और मरीजों को विशेष रूप से यह खाने की सलाह दी जाती है। साबूदाने की खिचड़ी, खीर, टिक्की और पापड़ जैसे व्यंजन लंबे समय तक पेट भरा रखने में आपकी मदद करेंगे।
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