आपके साथ क्या ऐसा होता है कि सुबह उठने पर शरीर बहुत भारी-भारी लगता है और दोपहर होते ही आप महसूस करती हैं कि ऐसी तो कोई बात नहीं। आपका वजन तो बिल्कुल ठीक है। दरअसल, शरीर के वजन में इस बदलाव के लिए हमारा वॉटर वेट जिम्मेदार होता है। हमारे शरीर के कुल भार का 50-60 प्रतिशत पानी होता है। कई बार जब असामान्य रूप से शरीर में पानी और दूसरे तरल पदार्थ जमा होने लगते हैं तो वजन बढ़ने की समस्या हो जाती है। इसके कारण पेट, बांहों, पैरों, टखनों और हाथों व पैरों पंज में सूजन आ सकती है। कई बार चेहरा भी सूजा-सूजा लग सकता है। मासिक चक्र और गर्भावस्था के दौरान अकसर महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन, इनके अलावा अगर वॉटर वेट की समस्या हो तो इसे गंभीरता से लें, क्योंकि इसका कारण खानपान की गलत आदतों से लेकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
क्या है वॉटर रिटेंशन?
वॉटर रिटेंशन तब होता है, जब अतिरिक्त तरल पदार्थ प्रभावी तरीके से शरीर से बाहर निकलने की जगह शरीर में ही इकट्ठा होने लगता है। इसे वॉटर वेट या इडेमा भी कहा जाता है। यह समस्या गर्मियों में अधिक होती है, क्योंकि शरीर के लिए गर्म मौसम में उतकों से तरल पदार्थों को निकालना मुश्किल हो जाता है। शरीर कुछ लक्षणों के द्वारा इस परेशानी के संकेत देता है, जिनमें से निम्न प्रमुख हैं:
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