मां बनने का अहसास किसी भी महिला के लिए सबसे सुखद होता है, लेकिन इसमें चुनौतियां भी कम नहीं होतीं। गर्भावस्था और प्रसव के दौरान महिलाओं में शारीरिक और मानसिक ही नहीं कई तरह भावनात्मक बदलाव भी होते हैं। प्रसव के बाद तो उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति बिल्कुल ही बदल जाती है। लेकिन, अकसर महिलाएं बच्चे की देखभाल में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि वो खुद को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देती हैं। पर, शुरुआती कुछ सप्ताहों में आपको अपना बहुत ध्यान रखना चाहिए। एक अध्ययन के मुताबिक लगभग 69 प्रतिशत नई मांओं को बच्चे के जन्म के बाद कोई ऐसी एक शारीरिक समस्या हो जाती है, जो लंबे समय तक उन्हें परेशान करती है। प्रसव के बाद नई मां के शरीर में किस तरह के बदलाव होते हैं, आइए जानें:
पोस्टपार्टम वजाइनल ब्लीडिंग
बच्चे के जन्म के बाद लोचिया, जिसे सामान्य भाषा में वजाइनल ब्लीडिंग कहते हैं, होना सामान्य है। इस डिस्चार्ज में रक्त, म्यूकस और गर्भाशय के ऊतक होते हैं। लोचिया की स्थिति कई सप्ताह तक रह सकती है। इस दौरान टैम्पोन्स के बजाय सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करें। संक्रमण से बचने के लिए पैड को नियमित अंतराल पर बदलती रहें। अगर रक्तस्त्राव बहुत अधिक हो रहा हो या उसमें से दुर्गंध आ रही हो तो अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
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