हाथों में अखबार लिए गैलरी में बैठे मिस्टर वासु की निगाहें लगभग आधे घंटे से अपने सामने वाली गैलरी में ही टिकी हुई थीं. लेकिन अभी तक उन्हें उस अप्सरा का दीदार नहीं हो पाया था जिस की प्रतीक्षा में वासुजी अखबार पढ़ने की आड़ में अपनी पलकें बिछाए बैठे थे. यह सिलसिला लगभग उसी दिन से प्रारंभ हो गया था जिस दिन से मिस्टर ऐंड मिसेज रंभा वासु गैलरी के सामने वाले फ्लैट में किराए पर रहने आए थे.
वासु की निगाहों में आज भी रंभाजी की वह तसवीर बसी हुई है जब उन्होंने रंभाजी को पहली बार अपने गीले बालों को झटकते हुए देखा था. बालों से गिर कर पानी की कुछ बूंदें यों लग रही थीं मानो खिले हुए गुलाब पर ओस की बूंदें चमक रही हों और रंभा के सुर्ख गुलाबी होंठ गुलाब की पंखुड़ियों की तरह, जिन्हें देख कर वासुजी का नन्हा दिल मचल उठा और फिर जब रंभाजी ने उन्हें देख कर मुसकराते हुए अपनी नजरों से एक ऐसा तीर चलाया कि उस दिन से ले कर आज तक वासुजी घायल ही हैं और रंभाजी से अपने दिल का इलाज व दवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
आज रंभाजी तो न जाने क्यों गैलरी में अपने मधुर स्वर के संग वासुजी को सुप्रभात कहने नहीं आईं लेकिन किचन से वासुजी की धर्मपत्नी मोहिनी की कर्कश आवाज जरूर आई, "सुनते हो, आज गैलरी में ही बैठे रहने का इरादा है क्या? अगर स्वच्छ हवा का सेवन हो गया हो तो आ कर नाश्ता भी कर लो."
श्रीमती की आवाज सुनते ही वासुजी हड़बड़ा गए और बोले, "बस, आ ही रहा हूं, तुम नाश्ता लगाओ." मन मसोस कर वासुजी अंदर आ गए और बोले, "आज हवा में ताजगी नहीं थी, मजा नहीं आया."
यह सुन कर मोहिनी बोली, "अरे शहर में प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि हवा में ताजगी कहां से रहेगी." बेचारी मोहिनीजी को कहां पता था कि उन के श्रीमान किस हवा के ठंडे झोंके संग मिलने वाली ताजगी की बात कर रहे हैं. वासुजी नाश्ता तो कर रहे थे लेकिन उन का दिल गैलरी में ही अटका हुआ था और आज रंभाजी को देख न पाने की कसक दिल में चुभ रही थी. तभी मोहिनी बोली, "आज बंटी के स्कूल में पेरैंट्सटीचर्स मीटिंग है, आप समय निकाल कर मेरे साथ चलिएगा."
Esta historia es de la edición July 2023 de Mukta.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición July 2023 de Mukta.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
बकलोल से बेफकूफ बनाते फिनफ्लुएंसर्स
सोशल मीडिया पर दर्जनों फाइनैंस इन्फ्लुएंसर्स भरे पड़े हैं. सब एक से बढ़ कर एक अपने सब्सक्राइबर्स को अमीर बनने के तरीके बता रहे हैं, हैरानी यह है कि अपने तरीकों से ये खुद अमीर नहीं बन पा रहे हैं, फिर यह फालतू गप्प हांकने का क्या मतलब?
आस्ट्रेलिया में टीनएजर्स के लिए सोशल मीडिया बैन
आस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के टीनएजर्स के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर रोक लगी है. यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब दुनियाभर में युवा और टीनएजर्स इस की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं.
यंग गर्ल्स के लिए सैक्सी फील करना गलत नहीं
क्यों हमारे समाज को रिवीलिंग कपड़े पहनने वाली, लेटनाइट पार्टीज में जाने वाली, अपनी सैक्स डिजायर को एक्स्प्रेस करने वाली लड़कियां बदचलन, गलत मानी जाती हैं और दबी, ढकी, डरीसहमी, हां में हां मिलाने वाली, नजरें नीचे रखने वाली लड़की सही मानी जाती है?
धर्म को व्यापार बनाती बाल कथावाचकों की फौज
बाल कथावाचकों की सोशल मीडिया पर लंबी चौड़ी भीड़ खड़ी हो गई है, सारी जद्दोजेहद फौलोअर्स और सब्सक्राइबर्स पाने की है. जिस उम्र में इन्हें स्कूल में होना चाहिए, हाथों में किताबकौपी व कलम होनी चाहिए, वहां इस तरह का धर्मांध ढोंग करने की प्रेरणा इन्हें मिल कहां से रही है, जानिए.
क्वीन ऑफ हार्ट्स अनुष्का सेन
ग्लोबल पहचान हासिल कर चुकीं टैलेंटेड अदाकारा अनुष्का सेन ने इंटरनैशनल रिश्तों को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई है. टीवी, सोशल मीडिया और बौलीवुड तीनों में उन्होंने अपनी अदाओं के जलवे बिखेरे हैं.
वायरल होने के चंगुल में फंसी जर्नलिज्म
खबर की तह में जाना अब लगभग खत्म हो चुका है. जो खबरें आती हैं वे सिर्फ सोशल मीडिया के माध्यम से आती हैं जिस के चलते पत्रकार भी उसी पर निर्भर रहते हैं. इस का असर ऐसा होने लगा है कि पत्रकार भी सोशल मीडिया में वायरल हो जाने के लिए खबरें बना रहे हैं.
हसीनाओं के लीक सैक्स वीडियोज
आएदिन किसी न किसी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का प्राइवेट वीडियो लीक हो जाता है और उस के बाद वह रातोंरात सुर्खियों में आ जाता हैं, ये लोग सुर्खियों में आते भी इसलिए हैं क्योंकि युवा इन्हें रातदिन देखतें हैं, जिस से इन की फैन फोलोइंग लाखों करोड़ों में हो जाती है और वायरल होने के लिए वे किसी भी हद तक गुजर जाते हैं.
सोशल मीडिया माफिया के सहारे ट्रंप की नैया पार
अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के विश्लेषणों में सोशल मीडिया में उपजे उन माफिया इन्फ्लुएंसर्स की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता जिन्होंने किसी को जिताने तो किसी को हराने की सुपारी ली होती है.
बौडी लैंग्वेज से बनाएं फ्रैंडली कनैक्शंस
बौडी लैंग्वेज यानी हावभाव एक तरह की शारीरिक भाषा है जिस में शब्द तो नहीं होते लेकिन अपनी बात कह दी जाती है. यह भाषा क्या है, कैसे पढ़ी जा सकती है, जानें आप भी.
औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा
दीवाली के मौके पर सट्टा खूब खेला जाता है, इसे धन के आने का संकेत माना औनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. मटकों और जुआखानों की युवा जाता है. जगह आज औनलाइन सट्टेबाजी ने ले ली है, जो युवा पीढ़ी को बरबाद कर रही है.