मेरे एक फ्रैंड ने मुझे इंस्टाग्राम पर एक रील शेयर की, जिस में एक लड़का नंगे पैर खड़ा है. उस के सामने ही उस का जूता रखा है. वह वहां से गुजरते हुए एक दूसरे लड़के को जूता पहनाने को कहता है तो वह लड़का उस के हाथ को झटकते हुए कहता है, "क्यों, तुम्हारे हाथ नहीं हैं?" तभी वह लड़का कहता है, "हां, मेरे हाथ नहीं हैं." इतने में वहां 2 लड़के और आ जाते हैं और वे सभी मिल कर अजीब तरीके से डांस करने लग जाते हैं. कोई जमीन पर लेट कर डांस करने लगता है, कोई दीवार को पकड़ कर डांस करने लगता है तो कोई पेड़ को पकड़ कर. वहीं, वह लड़का, जिस के हाथ नहीं होते, भी बाकियों का डांस में साथ देने लगता है. इस के साथ बैकग्राउंड में सौंग बजता है-'मोयेमोये....'
ऐसी ही एक वीडियो क्लिप और मुझे देखने को मिली. इस वीडियो को फेमस हिंदी फिल्म '3 इडियट' के कुछ दृश्यों के साथ दिखाया गया है. फिल्म में करीना की बहन मोना को जब लेबरपेन होता है और रैंचो (आमिर खान) उस की डिलीवरी में मदद करता है पर जैसे ही पता चलता है कि बच्चे की सांस नहीं आ रही, उस वक्त रैंचो बच्चे को देख कर बोलता है 'औल इज वैल.' बस, इसी साउंड को रिप्लेस कर के मोयेमोये कर दिया गया है.
आजकल हर 4-5 रील के बाद मोयेमोये की कोई न कोई रील देखने को मिल जाती है. मैं हैरान थी कि मोयेमोये की वीडियो इतनी ज्यादा वायरल क्यों हो रही है. इस में कुछ खास कंटैंट भी नहीं है. फिर यह इतनी चल क्यों रही है? दरअसल, आजकल के युवाओं को पसंद ही यही सब आ रहा है जिस में कुछ फनी हो, जिस से वे खुद को रिलेट कर पाएं, जिस से उन का स्ट्रैस कुछ देर के लिए दूर हो सके. बस, इन्हीं सब की देन है मोयेमोये.
इंस्टाग्राम, यूट्यूब या फिर फेसबुक, आजकल मोयेमोये हर जगह छाया हुआ है. ऐसा लग रहा है जैसे देश में मोयेमोये की लहर दौड़ पड़ी हो. औफिस, कालेज, मैट्रो, बस और ऐसे ही कई पब्लिक प्लेसेस में मोयेमोये पर बनने वाली वीडियोज की ही बातें हो रही हैं.
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