जहरीली शराब जिंदगी बर्बाद
DASTAKTIMES|January 2023
हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड के शराब की खेप ट्रकों पर लादकर पहुंचने लगी। ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता जब दूसरे राज्य से लाई जा रही शराब के ट्रक न पकड़े जाएं। बाहर से शराब आने के साथ ही, इसे बनाने का धंधा भी चलने लगा। हर जिले में चोरी-छिपे शराब बनाई जा रही है।
दिलीप कुमार
जहरीली शराब जिंदगी बर्बाद

बिहार का सारण जिला जहां दिसंबर में जहरीली शराब से 75 से अधिक लोगों की मौत हुई, वहां के पीड़ितों से मिलेंगे तो शराबबंदी की हकीकत से पर्दा उठ जाएगा। अगर शराबबंदी का मतलब आसानी से शराब उपलब्ध हो जाना, एक फोन पर घर पहुंच जाना है तो उससे अच्छा इसे खत्म कर देना है। इस जिले के मशरख गांव के आधा दर्जन से अधिक लोगों की भी जान जहरीली शराब से गई है। बिहार के इस पिछड़े ग्रामीण इलाके में जब आप पहुंचेंगे तो लोगों की जुबान से हकीकत सुन चौंक जाएंगे। यहां गरीबी तो है ही, शराब बनाने और बेचने का धंधा भी लंबे समय से चल रहा था। हकीकत पुलिस को भी मालूम थी, लेकिन से बंधी बंधाई महीने की रकम मिल जाती थी वह आंख मूंदे रहती थी। जिनके घर के लोग शराब से मरे वे साफ बताते हैं कि सप्लायर से सेटिंग के कारण पुलिस कुछ नहीं करती। यहां शराब के अड्डों की कमी नहीं है। फोन करते ही घर तक पहुंचाने की व्यवस्था है। कई तो ऐसे मिले जो प्रतिदिन शराब पीते थे।

राज्य का यह पहला जिला नहीं है, जहां जहरीली शराब से मरने के बाद इस तरह का सवाल उठा है। पश्चिम चंपारण में ही जुलाई 2021 में आठ लोगों की जहरीली शराब से मौत हो गई थी। चार लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई थी। इसी जिले में चार महीने बाद नवंबर में एक बार फिर जहरीली शराब ने कहर ढाया। इस बार 16 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान समस्तीपुर में भी जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत हुई। मुजफ्फरपुर में बीते वर्ष नवंबर में जहरीली शराब पीने से करीब 15 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के एक सप्ताह बाद छह और लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई।

तस्करों का तगड़ा नेटवर्क 

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