1932 हमारा था, है और रहेगा: हेमंत सोरेन
DASTAKTIMES|April 2023
मुख्यमंत्री सोरेन कहते हैं कि बिहार से झारखंड अलग हुआ, हम लोगों की अवाज थी कि हम बिहार में नहीं रहेंगे, तब राज्य अलग हुआ, झारखंड के आंदोलन के बाद अब दूसरा आंदोलन 1932 खतियान को लेकर होगा, जो 1932 का नाम लेगा वह झारखंड में रहेगा, हम लोगों को आदत है आंदोलन कर अपना अधिकार लेने का, भारत को दिखा देंगे कि किस तरह अपना अधिकार लिया जाता है।
उदय चौहान
1932 हमारा था, है और रहेगा: हेमंत सोरेन

सदन में खतियान पर खींचतान

बजट सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष को घेरते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 1932 हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा। हमारे पूर्वज तो इसी के साथ थे। वर्तमान परिस्थिति में समझौता को मेरी मजबूरी नहीं समझें। हम उस शेर के बच्चे हैं, जो लंबी छलांग के लिए दो कदम पीछे आये हैं। लेकिन भाजपा यह बताए कि वह 1932 के साथ है या 1985 के साथ। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर बाहरी को नौकरी देने का आरोप लगाया। कहा कि हम रोकने के लिए नीति लाये तो यही लोग कानूनी खेल खेलने लगे। अब 1932 का नाटक कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य के सीमित संसाधनों में हमने सभी वर्गों का ध्यान रखा है। नियोजन नीति भी आयेगी, लेकिन उसके लिए थोड़ा समय चाहिए। उन्होंने कहा कि सियार अगर शेर का खाल ओढ़ ले, तो वह शेर नहीं हो जाता है। भाजपा के लोग यही हो गये हैं। केंद्र में सत्ता पक्ष के ही लोग लोकसभा चलने नहीं दे रहे हैं और यहां विपक्ष में रहकर इसी तरह का आचरण करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कौन से युग में खड़े हैं, अमृत काल में या आपात काल में यह पता नहीं चल रहा है। सदन में हमें इतना ध्यान रखना चाहिए कि हमारे आचरण को पूरा देश देख रहा है।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष की भूमिका पर उठाए सवाल 

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