नीतीश कुमार के खिलाफ एक एक करके कई आरजेडी नेताओं का आक्रामक रुख देखने को मिल रहा है. तेजस्वी यादव का बयान आने के बाद भी सुधाकर सिंह के रवैये में कोई कमी नहीं आ रही है और आरजेडी से ऐसी कई आवाजें नीतीश कुमार के खिलाफ उठने लगी हैं. नीतीश कुमार ये तो नहीं कह सकते कि उनके सांकेतिक बयान के बाद भी आरजेडी नेतृत्व की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी. सुधाकर सिंह को तेजस्वी यादव दोबारा चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन ये बीजेपी के हाथों में न खेलने वाले अंदाज में ही दी जा रही चेतावनी है.
जेडीयू की तरफ से सवाल उठाया जा रहा है कि चेतावनी देना तो ठीक है, लेकिन नीतीश कुमार को शिखंडी कह देने वाले सुधाकर सिंह के खिलाफ एक्शन कब तक होगा? एक तरह से जेडीयू के सीनियर नेता उपेंद्र कुशवाहा ने आरजेडी नेतृत्व को अल्टीमेटम देने की भी कोशिश की है. लहजा थोड़ा नरम जरूर देखा गया है. उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि 14 जनवरी तक सुधाकर सिंह के खिलाफ कोई न कोई एक्शन जरूर होगा.
नीतीश कुमार की लड़ाई लड़ने के साथ साथ उपेंद्र कुशवाहा अपनी राजनीतिक जमीन भी मजबूत करने की कोशिश में हैं, लेकिन कुछ बीजेपी नेताओं से उनके संपर्क को लेकर बिहार की राजनीति तरह तरह की बातें भी चल रही हैं. ऐसी चर्चा भी चल पड़ी है कि उपेंद्र कुशवाहा फिर से बीजेपी के साथ एनडीए में जा सकते हैं. वैसे भी कुछ दिनों से ये देखने को मिला है कि एनडीए में नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा में से कोई एक ही रहता है.
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आंकड़ों से पता चलता है कि देश में दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों पर राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक रोड एक्सीडेंट के मामले 2020 में 3,64,796 से बढ़कर 2021 में 4,03, 116 हो गए. मौतों में 16.8% बढ़ोतरी हुई है. 2020 में 1,33,201 और 2021 में 1,55,622 लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गवाई है. साथ ही 2021 में प्रति हजार वाहनों की मौत दर 2020 में 0.45 से बढ़कर 2021 में 0.53 हो गई है. विश्लेषण से पता चलता है कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं तेज गति के कारण हुई हैं.
पश्चिमी यूपी में तेज होगी जाट वोट बैंक पर कब्जे की जंग
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोकदल यानी आरएलडी की मान्यता खत्म होने से छोटे चौधरी जयंत सिंह की सियासत पर ग्रहण लग गया है. इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री और दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने सहित कई सरकारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले किसान नेता चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत चौधरी की राजनैतिक पारी पर यदि विश्राम लग जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
अब 'वायनाड' का क्या होगा?
केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सदस्य रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद अब बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग इस सीट पर जल्द ही उपचुनाव करवा सकता है? जानकारों का कहना है कि उपचुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयोग हर कानूनी पहलू को देखेगा और राहुल गांधी के अगले कदम पर भी आयोग की नजर रहेगी. राहुल गांधी की ओर से जल्द ही ऊपरी अदालत में अपील की जा सकती है. वहीं, चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार राहुल के अयोग्य घोषित होने के बाद वायनाड सीट पर उपचुनाव कराने से पहले तमाम पहलुओं की समीक्षा की जाएगी. आयोग के सूत्रों के अनुसार पहले से तय गाइडलाइंस के अनुरूप जो नियम हैं, उनके तहत आयोग कार्रवाई करेगा. नियम के अनुसार, खाली सीट को 6 महीने के अंदर भरना होता है. सूत्रों के अनुसार, इस बार आयोग कोई फैसला लेने से पहले तमाम कानूनी पहलुओं और घटनाक्रमों की समीक्षा करेगा. दरअसल, इसी साल आयोग अपने ही कुछ फैसलों से कानूनी अड़चनों में फंसा रहा.
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जीपीटी-4 सरीखे एआई टूल उन पर इस कदर दबाव बनाये रखेंगे कि वे जो भी काम कर रहे हैं वह तेज गति से हो और अधिक उत्पादक हो. वे उत्कृष्टता के पैमाने को बढ़ा देंगे सीईओ के लिए और एक प्रकार से अत्यधिक दक्षता के युग का सूत्रपात होगा. बड़ी प्रसिद्ध हिंदी कहावत है गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया! पता ही नहीं चलेगा कब नॉन ह्यूमन दिमाग ने, जिसे ह्यूमन ने ही बनाया है, हमें रिप्लेस कर लिया है.
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