नं.1 बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस पिलानी
निजी क्षेत्र की कोई एक संस्था इंजीनियरिंग की अच्छी तालीम देने में लगातार शीर्ष आइआइटी के बराबर आंकी जाती रही है, तो वह है बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस (बिट्स या बीआइटीएस) पिलानी प्रतिष्ठित उद्योगपति जी. डी. बिरला ने वर्ष 1900 के दशक के शुरू में जब राजस्थान के इस सुदूर कोने में छोटासा स्कूल खोला, तब उन्होंने उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के एक केंद्र का सपना देखा था. वह संस्था धीरे-धीरे बढ़कर मानविकी और इंजीनियरिंग के कोर्स की पेशकश करने वाले उच्च शिक्षा के एकाधिक कॉलेजों में विकसित हुई. 1964 में फिर इन्हीं संस्थानों को एक जगह करके एक अनूठी संस्थागत रचना का नाम दिया गया, जिसे हम आज अंतरराष्ट्रीय स्तर की डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के रूप में जानते हैं. शुरुआत में ही बिट्स पिलानी ने अमेरिका में बोस्टन के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ हाथ मिलाया. इसने सेमेस्टर प्रणाली, कोर्स का मॉड्यूलर ढांचा, सतत और आंतरिक मूल्यांकन, लेटर ग्रेडिंग सरीखी प्रणालियां अपनाईं. इसने उद्योग से रिश्ते भी कायम किए, जिसने शिक्षा के अभिन्न अंग के रूप में 'प्रैक्टिस स्कूल' के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया.
साल दर साल बिट्स पिलानी ने योग्यता के आधार पर दाखिल छात्रों को उच्चतम गुणवत्ता की तकनीकी शिक्षा प्रदान की, जो भारत में तकनीकी निपुणता और 'हां हम करके द सकते हैं' की उद्यमशील भावना का प्रतीक है. अंडरग्रेजुएट कोर्स में छात्रों को भर्ती करते समय पूरी पारदर्शिता पक्की की गई. इसके लिए बिट्स ने दाखिले के वास्ते छात्रों का इम्तहान लेने वाली ऑनलाइन परीक्षा बिटसैट का गठन किया.
Esta historia es de la edición July 05, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición July 05, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.