नं.1 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
नई दिल्ली स्थित भारतीय फैशन संस्थान (एनआइएफटी या निफ्ट) ने 37 साल के अपने वजूद में भारत में फैशन उद्योग की बदलती जरूरतों को पूरा करने की लगातार कोशिश की. उसने ज्ञान के साथ पारंपरिक कलाओं, समकालीन विचार और डिजाइन व टेक्नोलॉजी के नवाचारों का संगम करके ऐसा किया. 1986 में स्थापित यह संस्थान किसी भी अन्य चीज पर अकादमिक उत्कृष्टता को अहमियत देने वाले अपने मूल सिद्धांतों का जीता-जागता प्रमाण है.
संस्था अंडरग्रेजुएशन, पोस्टग्रेजुएशन और डॉक्टरल अध्ययनों में डिग्रियां और सीखने-सिखाने का विश्वस्तरीय माहौल देती है. बीते सालों में इसने कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ हाथ मिलाकर अपने अकादमिक ढांचे को मजबूत किया. वैचारिक नेतृत्व, अनुसंधान को बढ़ावा, उद्योग के प्रति एकाग्रता, रचनात्मक उद्यम, और संगी-साथियों के साथ सीखने में नई जान फूंककर संस्था ने अपनी नींव को और मजबूत बनाया.
निफ्ट नई दिल्ली सात क्षेत्रों में चार वर्ष के बैचलर प्रोग्राम की पेशकश करता है. ये सात क्षेत्र हैं: एक्सेसरीज डिजाइन, फैशन कम्यूनिकेशन, फैशन डिजाइन, फैशन टेक्नोलॉजी, निटवियर डिजाइन, लेदर डिजाइन, और टेक्सटाइल डिजाइन. यह डिजाइन, फैशन मैनेजमेंट और फैशन टेक्नोलॉजी में दो साल के मास्टर प्रोग्राम के साथ छोटी अवधि के 'कंटिन्यूइंग एजुकेशन' कोर्स की पेशकश भी करता है. मौजूदा बैच में करीब 1,288 छात्र भिन्नभिन्न प्रोग्राम में पढ़ाई कर रहे हैं. निफ्ट नई दिल्ली की कैंपस डायरेक्टर मनीषा किन्नू कहती हैं, "इन सालों में डिजाइन, मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी की भूमिका और संभावनाएं कई गुना बढ़ी हैं. निफ्ट नई दिल्ली में हमारी निरंतर कोशिश उद्योग से आगे रहने और भारत में फैशन परिदृश्य को रास्ता दिखाने के लिए अगुआ के रूप में कार्य करने की है. मौजूदा और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम की लगातार समीक्षा की जाती है."
Esta historia es de la edición July 05, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición July 05, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
शोख सनसनी दिल्ली की
आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं
पाइ पटेल की भारत यात्रा
यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं
अब शासन का माझी मंत्र
मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे
कुछ न कर पाने की कसक
कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.