लखनऊ के गोमतीनगर स्थित पिकप भवन के तीसरे तल पर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग राज्य में समूह ग भर्तियों की जिम्मेदारी संभालता है. 26 जून की सुबह करीब साढ़े दस बजे मुख्याल में बने कंट्रोल रूम में अचानक सरगर्मियां बढ़ गईं. कंप्यूटर स्क्रीन पर फ्लैश होने लगा कि मुरादाबाद, गोंडा, बस्ती, अयोध्या, झांसी, गोरखपुर, नोएडा, बांदा समेत कई जिलों के परीक्षा केंद्रों में संदिग्ध अभ्यर्थी मौजूद हैं. कंट्रोल रूम से संबंधित परीक्षा केंद्र के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया. दो घंटे बाद परीक्षा खत्म होते ही सभी संदिग्ध अभ्यर्थी आगे की पड़ताल के लिए केंद्र के भीतर ही रोक लिए गए. अलग-अलग केंद्रों पर 25 से अधिक संदिग्ध अभ्यर्थियों की गहन पड़ताल के बाद इन सबके सॉल्वर होने का खुलासा हुआ. वे दूसरे अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दे रहे थे. यही क्रम दो दिन चार पालि 'आयोजित वाली परीक्षा में चलता रहा. 27 जून की शाम परीक्षा खत्म के बाद पता चला कि एक दर्जन से ज्यादा जिलों में 250 से अधिक सॉल्वर पकड़े जा चुके हैं.
आयोग की तरफ से 20 जिलों के कुल 737 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित यह परीक्षा सम्मलित ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं समाज कल्याण पर्यवेक्षक प्रतियोगितात्मक परीक्षा-2018 की पुनर्परीक्षा थी. कुल 1,953 पदों वाली यह परीक्षा दिसंबर, 2018 में आयोजित की गई थी जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आई थीं. इस मामले में गोमतीनगर के विभूतिनगर थाने में 136 अभ्यर्थियों पर एफआइआर कराई गई थी. आयोग ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) से जांच में गड़बड़ी मिलने पर इस परीक्षा को रद्द कर दिया था. दिसंबर, 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन मुख्य सचिव आर. के. तिवारी की अध्यक्षता वाली कमेटी पर मुहर लगाते हुए सेवानिवृत्त आइएएस अफसर प्रवीर कुमार को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बनाया था. 1982 बैच के आइएएस अधिकारी रहे प्रवीर कुमार जुलाई, 2019 में यूपी राजस्व परिषद के चेयरमैन पद से रिटायर हुए थे.
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