दृश्य 1
चंदौली, उत्तर प्रदेश
उस दिन होली थी. 17 मार्च, 2022 का दिन. उत्तर प्रदेश में ठेठ पूरब का यह कोना भी रंगों की मस्ती और उल्लास के उसी रोमांच में डूबा था. चंदौली में 35 वर्षीय अजय कुमार गुप्ता तमाम दूसरे आम लोगों की तरह दिखता था- दीपू और पवन (बदले हुए नाम) सरीखे पड़ोस के बच्चों का सीधा-सादा 'अंकलजी'. 15 बरस के दोनों बच्चे अच्छे खाने और होली की मिठाइयों के लालच में उसके घर के अंदर चले गए. फिर बिना बताए नशा मिला ड्रिंक या शायद बियर उन्हें पिलाई गई. जब वे नशे में धुत हो गए, गुप्ता ने उन्हें कपड़े उतारने का हुक्म दिया; फिर एक दूसरे को सहलाने का... और धीरे-धीरे इसे हर मुमकिन यौन क्रियाओं तक बढ़ाने का. उन्हें भनक तक नहीं थी कि उनकी सारी हरकतें रिकॉर्ड की जा रही थीं. वीडियोग्राफी होने के बाद गुप्ता ने लड़कों के साथ जबरदस्ती की और वे दर्द से चीखते-चिल्लाते रहे. वे काफी डरे हुए थे. यह शोषण तीन साल से चल रहा था. हर बार इसका अंत खौफनाक धमकियों और मामूली तोहफों से होता. बाद में गुप्ता ने ये वीडियो व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के जरिए अपने दोस्त अजित कुमार को भेजे, जो ओडिशा के राउरकेला में असिस्टेंट लोको पायलट और 35 की उम्र का ही था. इस तरह उन्होंने, डिजिटल महासागरों में बाल यौन शोषण के साथ फलने-फूलने वाली अर्थव्यवस्था से जुड़कर इस चक्र पूरा कर दिया.
दृश्य 2
तंजावुर, तमिलनाडु
Esta historia es de la edición July 26, 2023 de India Today Hindi.
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परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.