मोहन अगाशे की ताजातरीन वेब सीरीज दो गुब्बारे (जियो सिनेमा पर दिखाई जा रही) जाने-पहचाने इलाके पुणे की तहें खोलती है, जो इत्तेफाकन उनका घर भी है. ताउम्र पुणेरी रहे अगाशे ने 1980-90 के दशकों में बॉम्बे की हिंदी फिल्मों में करियर बनाते हुए भी इसी शहर में रहना पसंद किया. वरुण नार्वेकर निर्देशित इस शो में पुणे को रोजी-रोटी कमाने की कोशिश कर रहे एक परदेसी (सिद्धार्थ शॉ) की नजर से दिखाया गया है. वह जिन लोगों से टकराता है, उनमें अजोबा (अगाशे) भी हैं जो लाइफ कोच बन जाते हैं. अगाशे कहते हैं कि रोजमर्रा का ड्रामा दिखाने वाली यह सीरीज शहर की नब्ज पकड़ती है. यह उन ब्योरों के साथ सामने आती है जहां घर के प्रवेशद्वार पर लगे साइन बोर्ड पर लिखा होता है, “अगर आप बंद नहीं कर सकते तो न खोलें". और कैसे यह शहर धीरे-धीरे आपको अपने आगोश में ले लेता है. अगाशे के शब्दों में, पांचवें एपिसोड तक मुख्य पात्र का नजरिया "मैं कहां आ गया हूं? से निकलकर मैं इस जगह को कैसे छोड़ सकता हूं" पर आ जाता है.
Esta historia es de la edición August 09, 2023 de India Today Hindi.
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फिर उसी बुलंदी पर
वनडे विश्व कप के फाइनल में चौंकाने वाली हार के महज सात महीने बाद भारत ने जबरदस्त वापसी की और जून 2024 में टी20 विश्व कप जीतकर क्रिकेट की बुलंदियों एक को छुआ
आखिरकार आया अस्तित्व में
यह एक भूभाग पर हिंदू समाज के स्वामित्व का प्रतीक था. इसके निर्माण से भक्तों को एक तरह की परिपूर्णता और उल्लास की अनुभूति हुई. अलग-अलग लोगों के लिए राम मंदिर के अलग-अलग अर्थ रहे हैं और उसमें आधुनिक भारत की सभी तरह की जटिलताओं- पेचीदगियों की झलक देखी जा सकती है
बंगाल विजयनी
केवल आर. जी. कर और संदेशखाली घटनाक्रमों को गिनेंगे तो लगेगा कि 2024 ममता बनर्जी के लिए सबसे मुश्किल साल था, मगर चुनावी नतीजों का संदेश तो कुछ और ही
सत्ता पर काबिज रहने की कला
सियासी माहौल कब किस करवट बैठने के लिए मुफीद है, यह नीतीश कुमार से बेहतर शायद ही कोई जानता हो. इसी क्षमता ने उन्हें मोदी 3.0 में एक मजबूत स्तंभ के तौर पर स्थापित किया
शेरदिल सियासतदां
विधानसभा चुनाव में शानदार जीत ने न केवल उनकी पार्टी बल्कि कश्मीर का भी लंबा सियासी इंतजार खत्म कराया. मगर उमर अब्दुल्ला को कई कड़ी परीक्षाओं से गुजरना पड़ रहा—उन्हें व की बड़ी उम्मीदों पर खरा उतरना है, तो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलने तक केंद्र से जूझना भी है
शूटिंग क्वीन
मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक में बदलाव की शानदार पटकथा लिखी. अटूट इच्छाशक्ति से अतीत की निराशा को पीछे छोड़कर उन्होंने अपना भाग्य गढ़ा
नया सितारा पॉप का
दुनियाभर के विभिन्न मंचों पर धूम मचाने से लेकर भाषाई बंधन तोड़ने और पंजाबी गौरव का परचम फिर बुलंद करने तक, दिलजीत दोसांझ ने साबित कर दिया कि एक सच्चा कलाकार किसी भी सीमा और शैली से परे होता है
बातें दिल्ली के व्यंजनों की
एकेडमिक, इतिहासकार और देश के सबसे पसंदीदा खानपान लेखकों में से एक पुष्पेश पंत की ताजा किताब फ्रॉम द किंग्ज टेबल टु स्ट्रीट फूड: अ फूड हिस्ट्री ऑफ देहली में है राजधानी के स्वाद के धरोहर की गहरी पड़ताल
दो ने मिलकर बदला खेल
हेमंत और कल्पना सोरेन ने झारखंड के राजनैतिक खेल को पलटते हुए अपनी लगभग हार की स्थिति को एक असाधारण वापसी में बदल डाला
बवंडर के बीच बगूला
आप के मुखिया के लिए यह खासे नाटकीय घटनाक्रम वाला साल रहा, जिसमें उनका जेल जाना भी शामिल था. अब जब पार्टी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए दिल्ली पर राज करने की निर्णायक लड़ाई लड़ रही, सारी नजरें उन्हीं पर टिकीं