बदलाव पर विवाद
India Today Hindi|August 16, 2023
पर्यावरणवादियों को आशंका है कि वन संरक्षण कानून में बदलाव देश में हरे-भरे इलाकों में इजाफे के मकसद को नाकाम कर देगा
राहुल नरोन्हा
बदलाव पर विवाद

अगस्त की 2 तारीख को आखिरकार राज्यसभा में 1980 के वन (संरक्षण) कानून (एफसीए) में दूरगामी असर वाले संशोधन को मंजूरी मिल गई. यह विधेयक एक सप्ताह पहले ही लोकसभा में बिना किसी बहस के पारित हो गया था. पर्यावरणविद् इसका जोरदार विरोध करते आ रहे हैं. उनका दावा है कि ये बदलाव पिछले दशक के वन क्षेत्र बढ़ाने के फायदों को बर्बाद कर देंगे. जैसे ही कोई इलाका या जमीन 1927 के वन कानून या किसी अन्य कानून के तहत वन क्षेत्र घोषित किया जाता है, एफसीए कानून उस पर लागू हो जाता है, अब उसे 'अनारक्षित' या सरकारी या निजी क्षेत्र के किसी ‘गैर-जंगलात मकसद' के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. हालांकि इसके लिए केंद्र की मंजूरी से पहले समीक्षा से गुजरना होगा.

इस साल मार्च में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) ने संशोधन विधेयक का मसौदा संसद में पेश किया था, जिसके बाद उसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था. जेपीसी ने 20 जुलाई को रिपोर्ट पेश की. लेकिन अजीब बात है कि किसी बदलाव की सिफारिश नहीं की गई, जबकि उसे 1,300 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिली थीं. इनमें से कई पर्यावरणविदों, राज्य सरकारों और अन्य संबंधित पक्षों की जबरदस्त आपत्तियां थीं. इसके अलावा जेपीसी के कई सदस्यों के असहमति वाले नोट भी थे.

केंद्र सरकार ने संशोधन की जरूरत के समर्थन में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने से लेकर राष्ट्रीय महत्व की रणनीतिक और सुरक्षा संबंधी परियोजनाओं को तेजी से से पूरा करने जैसे कई वजहें बताईं. लेकिन कई संबंधित पक्षों को डर है कि महत्वपूर्ण मुद्दों को कार्यपालिका के विवेक पर छोड़ दिए जाने से कानून की गलत व्याख्या और दुरुपयोग किया जा सकता है. इनमें 400 पर्यावरण विज्ञानी, छात्र और शोधकर्ता शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा था, लेकिन लगता है कि उसे तवज्जो के काबिल नहीं माना गया. कई राज्यों की आपत्तियों को भी दरकिनार कर दिया गया, जिन्होंने प्रावधानों में बदलाव की मांग की थी.

Esta historia es de la edición August 16, 2023 de India Today Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición August 16, 2023 de India Today Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE INDIA TODAY HINDIVer todo
मजबूत हाथों में भविष्य
India Today Hindi

मजबूत हाथों में भविष्य

भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी

time-read
8 minutos  |
November 20, 2024
कॉर्पोरेट के पारखी
India Today Hindi

कॉर्पोरेट के पारखी

आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे

time-read
3 minutos  |
November 20, 2024
विरासत की बड़ी लड़ाई
India Today Hindi

विरासत की बड़ी लड़ाई

बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने

time-read
6 minutos  |
November 20, 2024
कौन दमदार शिवसेना
India Today Hindi

कौन दमदार शिवसेना

महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की

time-read
5 minutos  |
November 20, 2024
सीखने का सुखद माहौल
India Today Hindi

सीखने का सुखद माहौल

स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा

time-read
3 minutos  |
November 20, 2024
ट्रंप की नजर में दुनिया
India Today Hindi

ट्रंप की नजर में दुनिया

अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?

time-read
4 minutos  |
November 20, 2024
नवाचार की शानदार चमक
India Today Hindi

नवाचार की शानदार चमक

इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो

time-read
3 minutos  |
November 20, 2024
योगी बनाम अखिलेश
India Today Hindi

योगी बनाम अखिलेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.

time-read
4 minutos  |
November 20, 2024
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
India Today Hindi

लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की

सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा

time-read
3 minutos  |
November 20, 2024
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
India Today Hindi

सत्ता पर दबदबे की नई होड़

इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.

time-read
3 minutos  |
November 20, 2024