दशकों से शरद ऋतु की शुरुआत का मतलब होता था पहाड़ों का सफर, जिसमें शिमला व उसके पड़ोसी पर्यटन स्थल उत्तर भारत के कई परिवारों के पसंदीदा होते थे. बारिश के बाद ठंडी बयार, निखरा आसमान और पेड़ों की हरियाली हर यात्रा को यादगार अनुभव बना देती थी. मगर इस साल नहीं. जुलाई के पहले हफ्ते में, फिर अगस्त के मध्य में और महीने के आखिरी हफ्ते में मूसलाधार बारिश इस पहाड़ी राज्य के इतिहास की सबसे बदतरीन आपदाओं में से एक का सबब बन गई. नए राजमार्ग पर पहाड़ों के किनारे बिखरा पड़ा भूस्खलनों का मलबा और उसे साफ करने के लिए वहां इकट्ठा मशीनें राज्य पर बरपे कहर का विस्तृत प्रमाण हैं. पूरे राज्य में 1,500 से ज्यादा जगहों पर सड़कें धंस गईं, 200 के आसपास पुल भी बह गए. यह इनसानी कीमत के अलावा है. आधिकारिक रूप से 300 से ज्यादा मौतें बताई गई हैं, जबकि 38 लोग अब भी लापता की सूची में दर्ज हैं.
राजधानी शिमला और इसके आसपास के इलाकों में 2,200 से ज्यादा घर बुरी तरह टूट-फूट गए हैं, जबकि अन्य 10,000 मकानों को मरम्मत की जरूरत होगी. करीब 300 दुकानें किसी काम की नहीं रहीं. आइएमडी (भारतीय मौसम विभाग) के मुताबिक, मॉनसून के दौरान राज्य में 33 फीसद ज्यादा (613.8 मिमी की सामान्य बारिश के मुकाबले 816.4 मिमी) बारिश हुई. अगस्त में ही उम्मीद से 29 फीसद ज्यादा बारिश हुई. इसके नतीजतन भूस्खलन का सिलसिला शुरू हुआ, जिसकी वजह से इमारतें ढहीं और 22 लोगों की मौत हो गई.
दिल डूबने का एहसास
इमारतों के ढहने और सड़कों के धंसने के दृश्यों ने इस पहाड़ी राज्य के बाशिंदों के भीतर दिल डूबने जैसा एहसास पैदा कर दिया. शिमला को यहां की अनुकूल जलवायु की वजह से अंग्रेजों ने सात पहाड़ियों पर फैले करीब 35 वर्ग किमी इलाके में 'घर से दूर घर' से के रूप में विकसित किया था. 1864 से यह उनकी ग्रीष्म राजधानी भी थी. बंटवारे के बाद चंडीगढ़ बनने तक यह शहर पंजाब की राजधानी भी था.
Esta historia es de la edición October 04, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición October 04, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.