नितिन जैन, 35 वर्ष संस्थापक, इंडीगिफ्ट्स
इंडीबनी प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस में हर जगह पारिवारिक स्लोगन लिखे हुए हैं. मसलन, ऑफिस की सीढ़ियों से प्रवेश करते ही दीवारों पर 'दादी के अचूक नुस्खे और दादा के अनकहे किस्से', 'भाई-बहन का बचपन' और 'पति-पत्नी की अनबन', 'बुआ-फूफा, मामा-मौसी/ जीजा, चाची और पड़ोसी/ रिश्ते-नाते तीज-त्यौहार/ मनाए एक साथ इंडी परिवार' जैसे स्लोगन लिखे गए हैं. इंडीगिफ्ट्स के सीईओ और फाउंडर नितिन जैन कहते हैं, “मैं अपनी भावनाओं को इन स्लोगन और उपहारों के जरिए व्यक्त कर पाता हूं."
देश, परिवार और संस्कृति के लिए उनके मन में इस हद तक दीवानगी है कि अपने पूरे व्यापार को इसी बुनियाद पर खड़ा कर दिया. 18 साल की उम्र में खुद का व्यापार शुरू करने वाले नितिन जैन आज गिफ्ट के क्षेत्र का देश-दुनिया में जाना-पहचाना नाम हैं. उनकी कंपनी इंडीगिफ्ट्स (इंडीबनी प्राइवेट लिमिटेड) का नाम इंडिया के नाम पर रखा गया. देश के अधिकांश राज्यों के साथ विश्व के 18 देशों में उनके बनाए गए गिफ्ट बिकते हैं. अमिताभ बच्चन और साक्षी तंवर सहित कई फिल्मी सितारे और टाटा, महिंद्रा जैसे देश के नामी उद्योगपति विभिन्न मौकों पर उनसे गिफ्ट तैयार करवाते हैं, नितिन जैन को संस्कृति और भाषाओं से इतना लगाव है कि 12 भाषाओं में उन्होंने हर उत्सव के लिए गिफ्ट तैयार किए हैं. महज 7 साल के समय में इंडीगिफ्ट्स ने 25-30 लाख लोगों तक अपनी पहुंच बनाई है.
Esta historia es de la edición December 13, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición December 13, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
लीक से हटकर
मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे
खूबसूरत काया का जलवा
भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
डिस्को का देसी अंदाज
घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया
जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई