दिल्ली के बाहरी इलाके में हरियाली के बीच स्थित भारतीय जन संचार संस्थान यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आइआइएमसी) उत्कृष्टता का ऐसा प्रमुख केंद्र है जो अपनी संपन्न विरासत और अनूठे पाठ्यक्रमों के बूते अगली पीढ़ी के मीडिया प्रोफेशनल्स को प्रोत्साहित करता है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत करीब 6 दशक पुराना यह संस्थान पारंपरिक रूप से पत्रकारिता में 9 महीने का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा देता था. इस साल से यह डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी बन गया है जिससे इसे अपने पाठ्यक्रम और पाठ्य सामग्री तैयार करने में आजादी मिलेगी. यह पत्रकारों को न्यूज रूम के अलावा न केवल नए दौर के करियर ऑप्शन देगा बल्कि मीडिया परिदृश्य में लगातार होते रणनीतिक बदलाव का ध्यान रखेगा. जिन नए पाठ्यक्रमों की पेशकश की जा रही है, उनमें मीडिया बिजनेस स्टडीज और रणनीतिक संचार में एमए शामिल है. यहां विशेषज्ञता वाले पत्रकारिता के पाठ्यक्रम भी हैं जैसे जेनरेटिव एआइ, ड्रोन और यहां तक कि ऑगमेंटेड और वर्चुअल रियलिटी जैसे टूल्स का फायदा उठाने की ट्रेनिंग. ये प्रिंट, टीवी, रेडियो और डिजिटल पत्रकारिता के मौजूदा पाठ्यक्रमों के अलावा हैं. संस्थान का एन्वायरमेंट जर्नलिज्म में कोर्स कई सालों से लोकप्रिय है. अब उसने स्वास्थ्य संचार पर भी कोर्स शुरू किया है.
यह दूसरों से अलग कैसे है
यह अब विश्वविद्यालय के समकक्ष (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) के रूप में मान्यता प्राप्त है, जिसे अपने कोर्स और पाठ्य सामग्री तैयार करने की स्वतंत्रता दी गई है. इससे पत्रकारों के लिए पारंपरिक न्यूजरूम के अलावा न केवल आधुनिक करियर की राह बनेगी बल्कि वे मीडिया के लगातार बदलते माहौल के अनुकूल भी बनेंगे
मीडिया इंडस्ट्री के अव्वल नाम आइआइएमसी की नियमित फैकल्टी के रूप में आते हैं. यहां न केवल सैद्धांतिक पढ़ाई होती है बल्कि नियमित रूप से असली काम के लिए प्रैक्टिकल अनुभव भी कराया जाता है जिससे यह संस्थान विशेष बन जाता है
Esta historia es de la edición July 03, 2024 de India Today Hindi.
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