![सोने के प्रति नई ललक सोने के प्रति नई ललक](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1727081643/articles/oP2JXedhx1727090071097/1727090927870.jpg)
पश्चिम दिल्ली के 68 वर्षीय कारोबारी विनोद मित्रा और उनका परिवार पीढ़ियों से करोलबाग की बैंक स्ट्रीट में अपने ज्वेलर्स का वफादार ग्राहक था. वे कहते हैं, " आपको सिर्फ घर ही विरासत में नहीं मिलता, ज्वेलर भी विरासत में मिलता है." लेकिन नई पीढ़ी कुछ अलग तरह से सोचती है. मित्रा की बहू प्रेरणा पारंपरिक और पुराने फैशन की ज्वेलरी से हटकर देखती हैं जिसे उन्हें सिर्फ विवाह में नहीं पहनना होता, बल्कि काम और सामाजिक कार्यक्रमों में भी पहनना होता है. उनकी अभिलाषा को पूरी करने के लिए तनिष्क, कल्याण ज्वेलर्स, रिलायंस ज्वेल्स जैसे बड़े रिटेल ज्वेलरी स्टोर हैं. और अब इस समूह में एक नया नाम - इंद्रिय - शामिल हो गया है जिसे इस जुलाई में मशहूर कारोबारी घराने आदित्य बिड़ला समूह की नॉवेल ज्वेल्स ने शुरू किया है.
इसे सोने के प्रति नई ललक भी कह सकते हैं. देश के प्रमुख कॉर्पोरेट घराने 6.4 लाख करोड़ रु. के चमकते-बढ़ते ज्वेलरी बाजार पर नजर गड़ाए हुए हैं. आदित्य बिड़ला समूह का इंद्रिय ब्रांड टाटा के तनिष्क और रिलायंस रिटेल के रिलायंस ज्वेल्स के साथ-साथ कल्याण ज्वेलर्स, मलाबार, जॉयलुकास और सेनको जैसे ज्वेलरी रिटेलरों के साथ होड़ करेगा. आदित्य बिड़ला समूह इंद्रिय की शुरुआत के अवसर पर कहा, “मौजूदा के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने दिल्ली में अनौपचारिक से औपचारिक क्षेत्र की ओर जारी वैल्यू माइग्रेशन, उपभोक्ताओं की मजबूत, विश्वसनीय ब्रांड की पसंद और सदाबहार विवाह बाजार के ज्वेलरी बिजनेस के आकर्षण के कारण हम इसमें उतरे हैं, ये सब अच्छी-खासी वृद्धि के मौके देते हैं." समूह इसमें अच्छा-खासा 5,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा.
रिलायंस रिटेल भी पीछे नहीं रहना चाहता. उसने भी इस साल अल्ट्रा-लग्जरी ज्वेलरी बाजार में उतरने की घोषणा करके इस क्षेत्र में और निवेश योजनाओं का संकेत दिया. इस बाजार में सबसे पहले उतरने का फायदा उठाते हुए तनिष्क और कल्याण ज्वेलर्स जैसे देशव्यापी कारोबारी मौजूदा बाजार में और ज्यादा बढ़ते जा रहे हैं जबकि जॉयलुकास और सेनको जैसे क्षेत्रीय ब्रांड भारत भर में विस्तार पर निगाह लगाए हुए हैं. अब जैसेजैसे त्योहारी सीजन नजदीक आ रहा है, ये ब्रांड फेस्टिवल थीम की ज्वेलरी अपने यहां सजा रहे हैं और ग्राहकों को प्रमोशन तथा तोहफों के जरिए लुभा रहे हैं.
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अब पंजाब की पहरेदारी
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विकास की कशमकश
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उथल-पुथल का आलम
सामाजिक-राजनैतिक सुधारों के लिए सरकार को मजबूत समर्थन मिल रहा मगर लोकतंत्र, धार्मिक ध्रुवीकरण और महिला सुरक्षा को लेकर चल रही खदबदाहट से इससे जुड़ी चिंताएं उजागर