कला जगत में देश की प्रमुख और सशक्त हस्तियों की इस वर्ष की शीर्ष सूची में कलाको प्रश्रय देने वालों से लेकर शानदार प्रदर्शन करने वाले तक शामिल हैं. सूची में शीर्ष पर दुनिया के सबसे धनी दंपतियों में शुमार मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी हैं, जिन्होंने कपड़ा उद्योग से लेकर दूरसंचार तक फैले अपने कारोबार को एक नेक इरादे के साथ दृश्य एवं प्रदर्शन कला के विश्वस्तरीय स्थल में बदलने के लिए खुद को समर्पित कर दिया. इसमें कोई दो राय नहीं कि यह जुनून शास्त्रीय नृत्य में उनकी अपनी पृष्ठभूमि से प्रेरित है. फिर, प्रसिद्ध गायक टी. एम. कृष्णा जैसे लोग भी हैं, जो अपनी कला और शास्त्रीय प्रशिक्षण का इस्तेमाल सामाजिक जुड़ाव और प्रतिरोध के एक शक्तिशाली मंच के तौर पर कर रहे हैं. इस चुनिंदा समूह की तमाम हस्तियों ने कला की शैली और भौगोलिक सीमाएं पार करने की क्षमताएं दिखाई हैं. एक उदाहरण जाकिर हुसैन हैं जिनकी ताल की सम्मोहक लय के श्रोता हमेशा से उन्हें एक राष्ट्रीय धरोहर मानते रहे हैं. वे भारत की संगीत परंपराओं के प्रमुख वैश्विक राजदूत भी रहे. सब्यसाची मुखर्जी भारतीय परिधानों और फैशन को दुनिया में एक नए मुकाम पर पहुंचाने की दोहरी भूमिका निभा रहे हैं. उनके डिजाइन परिधान बेहद भव्य भारतीय शादियों की शान बनते हैं तो मेट गाला में भी उन्होंने फैशन का जलवा बिखेरा है. लेकिन धन और संस्कृति, अर्थ और कला जैसे विरोधाभासी तत्वों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की बात आए तो भारतीय आधुनिकता की महान हस्ती कृष्ण खन्ना से बेहतर उदाहरण कौन होगा, जिनके शानदार करियर ने बैंकिंग से लेकर चित्रकला तक अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.
परंपराओं की प्रणेता
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परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.