पिछले तकरीबन 2-3 वर्षों से मप्र स्थित केंद्रीय भूजल बोर्ड थोड़ी सक्रियता दिखा रहा है यानि उद्योगों को एनजीटी के निर्देशानुसार भूजल निकालने के लिए एनओसी लेने हेतु नोटिस जारी कर रहा है। कहना ना होगा कि इतनी कवायद तब शुरू हुई। जब इस विषय पर 'ओपन आई न्यूज' ने राज्य स्तर और मुख्यालय स्तर तक वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। भारत सरकार जलशक्ति मंत्रालय के गजट नोटिफिकेशन दिनांक 24 सितंबर 2020 में वर्णित भूजल निकासी को विनियमित तथा नियंत्रण करने हेतु गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए जिम्मेदार सरकारी एजेंसियों में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण, जिला कलेक्टर, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, पर्यावरण, वन एवं ज. प. है। इनमें से संयुक्त रूप से प्रदूषण नियंत्रण मंडल और केंद्रीय भूजल मंडल है जो संबंधित उद्योगी को भूजल निकासी हेतु आवश्यक एनओसी लेने हेतु नोटिस जारी करता है। यदि संबंधित उद्योग एनओसी लेने में कोताही बरतता है तो केंद्रीय भूजल मंडल जिला कलेक्टर को उस उद्योग के ग्राऊंड वाटर निकालने के स्ट्रक्चर जैसे डगवेल, ट्यूबवेल, बोरवेल की सील करने की अग्रिम कार्रवाई करता है।
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बुलडोजर कार्रवाई में अहम है 'सुप्रीम' आदेश
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औद्योगिक क्षेत्र से श्रमिकों का कृषि की ओर बढ़ता रुझान
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झारखंड में अमित शाह के ऐलान के मायने
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20 लिटर जार में बिकने वाला पानी अमानक
पूरे देश में हट रोज 20 लिटर के जार में पेयजल खुले तौर पर बेचा जा रहा है जिसे आर.ओ. वॉटर के रूप में बेचा जाता है।
डबल इंजन की सरकार में तेज रफ्तार से चल रही है छत्तीसगढ़ में विकास की रेल-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ में अब तेज रफ्तार से विकास की रेल चल रही है।