सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकार किया है कि स्वच्छ पेयजल को हासिल करना जिंदगी की मूलभूत शर्त है और अनुच्छेद 21 के तहत यह केन्द्र एवं राज्य सरकारों का कर्तव्य है कि नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराए। पर इस अधिकार को कैसे उपलब्ध कराया जाए? पहली बात तो यह है कि शहरी जल व्यवस्था और ग्रामीण जल शोधन मे निवेश कौन करेगा? निजी क्षेत्र या सार्वजनिक क्षेत्र? इसे लेकर निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उत्तरदायित्व की बेवजह बहस चलाई जाती है। ऐसी बहस आमतौर पर एक ज्यादा महत्वपूर्ण सवाल से ध्यान हटा देती है कि जल परियोजनाओं को कैसे बनाया और कामयाब किया जाए। लेकिन मोदी सरकार ने इस समस्या को बड़ी गंभीरता से लिया है और जल जीवन मिशन स्कीम शुरु की है और इसके लिये 350 लाख करोड़ रूपए का बजट निर्धारित किया गया है। सरकार के आम जनजीवन से जुड़े लक्ष्यों में जनभागीदारी की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इस बात को ध्यान में रखते हुए लायंस क्लब नई दिल्ली अलकनंदा ने करीब 45 लाख रूपयों के आरओ के साथ वाटर कूलर स्थापित किये हैं। क्लब ने दिल्ली की सबसे अधिक पीड़ित आबादी यानी गरीब आबादी के बच्चों के एमसीडी स्कूलों की पहचान करके स्वच्छ शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने की पहल की थी, ऐसे ही अनेक जनकल्याणकारी स्वयंसेवी संगठन गरीब लोगों के लिये शुद्ध जल उपलब्ध कराने के कार्य कर रहे हैं।
Esta historia es de la edición February 2023 de Open Eye News.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición February 2023 de Open Eye News.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
बुलडोजर कार्रवाई में अहम है 'सुप्रीम' आदेश
भारतीय राजनीति का स्वरूप अब बदल चुका है।
औद्योगिक क्षेत्र से श्रमिकों का कृषि की ओर बढ़ता रुझान
शहरों में जाकर काम करने वाले भारत के लोग बड़ी संख्या में अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं।
रोजगार और निवेश से संपन्न, समृद्ध, स्वावलंबी बनता मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश को सम्पन्न, समृद्ध, स्वावलंबी और सक्षम राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जोर शोर से जुटे हुए हैं।
मुफ्त की रेवड़ियों ने सरकारों की कर दी वापसी
देश के मतदाता लगता है, मुफ्त की रेवड़ियों के लालच में मतदान करने लगे हैं। इसी का परिणाम है कि महाराष्ट्र और झारखंड में सत्ताएं बरकरार रही हैं।
आखिर अडानी के पीछे हाथ धोकर क्यों पड़े हुए हैं अमेरिकी ?
बता दें कि यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस ने अदाणी पर भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (2200 करोड़ रुपए से ज्यादा) की रिश्वत देने का आरोप लगाया है,जो एक गम्भीर बात है।
झारखंड में अमित शाह के ऐलान के मायने
1981 के जनगणना में आदिवासियों की आबादी में मामूली बढ़त देखी गई।
चुनाव आयोग को सजग सतर्क रहने की जरूरत
चुनाव प्रचार के दौरान भाषाई स्तर, नेताओं की भंगिमा और राजनीतिक जुमलों के प्रयोग ने मतदाताओं में चिन्ता पैदा की है।
फुड सेफ्टी डिसप्ले बोर्ड संबंधी दिशा निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन
खाद्य अधिकारी मानते हैं कि ये एक्ट नहीं है
20 लिटर जार में बिकने वाला पानी अमानक
पूरे देश में हट रोज 20 लिटर के जार में पेयजल खुले तौर पर बेचा जा रहा है जिसे आर.ओ. वॉटर के रूप में बेचा जाता है।
डबल इंजन की सरकार में तेज रफ्तार से चल रही है छत्तीसगढ़ में विकास की रेल-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ में अब तेज रफ्तार से विकास की रेल चल रही है।