ये बात शायद कम लोगों को ही मालूम होगी कि पिछले साल यानी 2022 को 'विश्व जल दिवस' मनाया गया था, जिसकी थीम थी 'ग्राऊंड वाटर: मेकिंग द इनविजीबल, विजीबल'। मगर मप्र, और छग में इस थीम पर अमल नहीं हो पा रहा था। इस मामले को प्रकाश में लाकर देश के शीर्ष अधिकारियों तथा प्रधानमंत्री कार्यालय को एक प्रस्तुतिकरण भेजा गया, साथ ही आरटीआई के तहत दस्तावेज प्राप्त किए गए। उच्चस्तर पर प्रेषित दस्तावेजों के आधार पर मप्र तथा छग ने उत्साहजनक रूप से कार्य करना शुरू कर दिया है।
छग राज्य में कार्यवाई
दस्तावेज बताते है कि केंद्रीय भूजल मंडल रायपुर ने इस वर्ष यानी मार्च 2023 तक 99 उद्योगों को शोकॉज नोटिस जारी किया है, जिसमें से रायपुर जिले में 69, बलोदा बाजार में 1, बस्तर में 2, बिलासपुर में 10, दुर्ग में 3, गरियाबंद में 1, जांजगीर चांपा में 5. जशपुर मे 1, कोरिया में 1, महासमुंद में 3, रायगढ़ में 2 और सरगुजा में नोटिसों की कॉपियां संबंधित जिला कलेक्टरों को भी भेजी गई है। हालांकि मिले आंकड़े उतने संतोषजनक नहीं है क्योंकि छग में अभी भी कई उद्योग ऐसे हैं जिनके बारे में बोर्ड को संज्ञान लेना है !
मध्यप्रदेश में कार्रवाई
मप्र शोकॉज नोटिस देने में काफी आगे है यहां 18 हजार के आसपास नोटिस के दिए गए हैं जिसमें नवीन आवेदन भी शामिल किए गए हैं। यहां अनापत्ति प्रमाण पत्र भी उद्योगों द्वारा लिए जा रहे है !
तेजी से होने वाली कार्रवाई अपेक्षित
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