(सदन के बाहर कोतवाली में नहीं?) जबकि प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने यह कहा कि राहुल गांधी स्मृति ईरानी एवं सभी महिला सदस्यों को फ्लाइंग किस देकर चले गये। तथापि स्मृति ईरानी ने स्वयं के प्रति उक्त अभद्र व्यवहार का आरोप न लगाते हुए महिला सांसदों के प्रति अभद्र तरीके से अनुचित इशारे के हाव भाव के साथ स्त्री द्वेष का आरोप राहुल गांधी की तथाकथित हरकत के लगभग 35 मिनट बाद (12.47 दोप-1.22 दोप.) (जानकारी प्राप्त होने पर?) राहुल गांधी पर लगाया। तथापि उल्लेखनीय बात यह भी है कि यौन शोषण ("फ्लाइंग" नहीं "टच") के आरोपी ब्रज भूषण शरण सिंह जो आसपास दो ही लाइन पीछे बैठे थे, पर इन शिकायतकर्ता महिला सांसदों को कोई आपत्ति नहीं होती है। मणिपुर में 2 महिलाओं को वस्त्र हीन कर सार्वजनिक रूप से जुलूस में घुमाने पर कोई लिखित या मौखिक आपत्ति या बयान दर्ज नहीं कराती है? अजीब बात है "औरों को नसीहत खुद मियां फजीहत"। अध्यक्ष द्वारा कारवाई की जाने की स्थिति में राहुल गांधी के विरूद्ध उक्त तथाकथित अपराध के लिए अधिकतम धारा 354 भादस के अंतर्गत प्रकरण दर्ज हो सकता है। वैसे अध्यक्ष की अनुमति के बिना संसद के भीतर कहे गए किसी भी कथन का आपराधिक संज्ञान न्यायालय में नहीं लिया जा सकता है। धारा 354 में न्यूनतम 1 वर्ष से अधिकतम 5 वर्ष की सजा का प्रावधान है। अर्थात 2 वर्ष से अधिक की सजा का प्रावधान होने के कारण यदि राहुल गांधी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होकर मुकदमा चलता है और यदि राहुल गांधी को पुनः सजा 2 साल से अधिक की हो जाती है, तो राहुल गांधी फिर से संसद से निष्कासित हो जाएंगे। इसे कहते हैं “ओखली में हाथ डाले, मूसली को दोष देवें''। अप्रैल 2021 में चुम्बन फेंकने के एक मामले में मुम्बई की एक अदालत में 20 वर्ष के एक व्यक्ति को सजा हुई थी।
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