भानुका राजपक्षे, प्रमोद मदुशान, चमिका करुणारत्ने, वानिंदु हसरंगा, दासुन शनाका, कुसल मेंडिस, पथुम निसांका... अगर आप सब से पूछा जाए कि ये कौन हैं तो ज्यादातर लोग यही कहेंगे कि नाम से तो ये सब श्रीलंकाई लग रहे हैं पर काम क्या करते हैं, मालूम नहीं.
पर सच कहें ये वे लोग हैं जिन्होंने हाल ही में कोई साधारण काम नहीं, बल्कि ऐसा कारनामा किया है जो इन्हें क्रिकेट जगत में नई बुलंदियों पर ले गया है. ये सब वे क्रिकेट खिलाड़ी हैं जो अब अपने देश में नहीं, बल्कि पूरी क्रिकेट दुनिया में हीरो बन गए हैं.
11 सितंबर को दुबई स्टेडियम में खेले गए एशिया कप 2022 के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने पाकिस्तान को 23 रन से हरा कर खिताब अपने नाम किया. यह वही श्रीलंकाई टीम थी जो अपने पहले मुकाबले में अफगानिस्तान से हार गई थी और इसे यह मुकाबला जीतने की रेस में कहीं भी आगे नहीं माना जा रहा था पर लोग भूल गए थे कि पैसे के घोर संकट से जूझ रहा श्रीलंका भले ही आज पूरी तरह से चरमरा गया है, पर वहां की क्रिकेट टीम ने अभी घुटने नहीं टेके हैं और आज नतीजा सब के सामने है.
फाइनल मैच की बात करें तो पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने टौस जीता और उन्होंने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. क्रिकेट के धुरंधर मान रहे थे कि इस पिच पर टौस जीतना मैच जीतने के बराबर है.
श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 170 रन बनाए जबकि उस की शुरुआत ज्यादा अच्छी नहीं रही थी. श्रीलंका के लिए भानुका राजपक्षे ने 41 गेंद में नाबाद 71 और वानिंदु हसरंगा डीसिल्वा ने 36 रन की बेहतरीन पारी खेली थी.
पाकिस्तान को जीत के लिए 171 रनों का टारगेट मिला था, लेकिन उस के बल्लेबाजों ने निराश किया. पहले बाबर आजम (5) और फिर फखर जमां (0) लगातार गेंद पर चलते बने, जिस के चलते टीम दबाव में आ गई. हालांकि मोहम्मद रिजवान (55) और इफ्तिखार अहमद (32) ने 71 रनों की साझेदारी कर पाकिस्तान को मुकाबले में ला खड़ा कर दिया था पर इफ्तिखार अहमद के आउट होने के बाद पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने बहुत ही घटिया बल्लेबाजी की और पूरी टीम 147 रनों पर सिमट गई.
जीत के बाद एशियन क्रिकेट काउंसिल ने चैंपियन श्रीलंका को ट्रॉफी के साथ तकरीबन एक करोड़ 19 लाख रुपए दिए, जिस की उन्हें बड़ी जरूरत थी.
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