
बिहार हार के चैनपुर रोड पर एक राजा के पुराने किले में बना हरसू ब्रह्मा जिला मुख्यालय भसुआ से 10 किलोमीटर दूर है. चैत्र नवरात्र को यहां हजारों लोग जमा होते हैं जिन में वे औरतें ज्यादा होती हैं जिन पर देवी या माता आई होती है. तरहतरह के स्वांग करती इन औरतों में कुछ को तो बांध कर भी लाया जाता है. मल्टीपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर की शिकार ये औरतें असल में घरों में बेहद कुंठित रहती हैं और दूसरों की नजर में चढ़ने के लिए तरहतरह के स्वांगों को करने लगती हैं जो इन्होंने खुद बचपन से देखे हैं.
मेंहदीपुर के बालाजी महाराज मंदिर की भी ऐसी ही पूछ है जहां जाने से मरीज का भूत उतर सकता है और गांव वाले ही नहीं, शहरी भी इस में बहुत उत्साह व उम्मीद से हिस्सा लेने को सालभर आते हैं. गुजरात में हजरत सैयद मीरा दातार दरगाह में जाओ तो वहां भी चीखतेचिल्लाते लोग दिखेंगे जिन पर साया चढ़ा हुआ माना जाता है.
राजस्थान में तो अगस्त 2022 में एक 7 साल की लड़की की बलि 16 साल की बहन ने ले ली और कहा कि मरते समय उस पर देवी आई हुई थी और देवी ने कहा था कि वह सब को मार कर खा जाएगी. पुलिस अब खानापूर्ति कर रही है और लड़की बालगृह में है.
यह आम बात है कि किसी गांव की गली या कसबे के महल्ले की कोई महिला अचानक चीखनेचिल्लाने लगती है, इधर से उधर दौड़ती है और खुद को किसी देवी का रूप बताने लगती है. उस की इस तरह की हरकत को तुरंत भूतबाधा मान कर गांव के ही एक झाड़फूंक करने वाले को बुला लिया जाता है. वह आते ही उस रोगी महिला को आग के सामने बैठा देता है और आग में ढेरों मिर्च झोंक कर महिला से कुछ सवाल पूछता है. महिला की आंखों में मिर्च से असहाय वेदना होती है और वह तड़प उठती है. जब इस से कोई लाभ नहीं होता, वह ओझा लोहे के सरिए को आग में गरम कर के रोगी के हाथ व पैरों पर रख देता है. इस सब से रोगी बेहोश हो जाती है.
ऐसी ही एक महिला रोगी जब इलाज के लिए आई तो उस के शरीर पर गहरे घाव थे. कई दिनों से कुछ भी न खाने से शरीर जीर्ण था. रोगी की जांच व मानसिक स्थिति का जायजा लेने के बाद शुरू में उसे इंजैक्शन के जरिए दवाएं दी गईं, बाद में वह मुंह से दवा खाने लगी. केवल 2 सप्ताह तक दवाएं खाने पर उस की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ.
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