बौलीवुड अदाकारा नीना गुप्ता की गिनती सदैव स्ट्रौंग व साहसी महिला के रूप में होती है. कुछ लोग उन्हें बोल्ड वूमन भी मानते हैं. इस की सब से बड़ी वजह यह रही कि उन्होंने क्रिकेटर विवियन रिचर्ड से रिश्ते रखे और बिना शादी किए बेटी मासाबा को जन्म देने के साथ ही उस का 'सिंगल मदर' के रूप में पालनपोषण भी किया.
आज की तारीख में मासाबा न सिर्फ एक अभिनेत्री हैं बल्कि मशहूर फैशन डिजाइनर भी हैं. लेकिन सिंगल मदर के रूप में नीना गुप्ता को पगपग पर तकलीफें सहनी पड़ीं. उन का संघर्ष उन के लिए काफी तकलीफदेह रहा. इस के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उन्होंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता भी नहीं किया.
लगभग 49 वर्ष की उम्र में उन्होंने विवेक मेहरा से विवाह रचाते हुए अभिनय से दूरी बनाई थी पर वे खुद को अभिनय से ज्यादा समय तक दूर नहीं रख पाईं. टैबू समझे जाने वाले विषय पर बनी फिल्म 'बधाई हो' से उन्होंने वापसी की. तब से उन का कैरियर तेज गति से भाग रहा है. वे फिल्म 'ऊंचाई' और फिल्म 'वध' को ले कर चर्चा में हैं. नीना गुप्ता से उन के संघर्ष और 'सिंगल मदर' बनने की सलाह आदि पर लंबी बातचीत हुई जिस के खास अंश प्रस्तुत हैं.
अपने 40 साल के कैरियर के टर्निंग पौइंट्स के बारे में नीना गुप्ता कहती हैं, “मुझे सब से पहले शोहरत मिली हौकिंस की विज्ञापन फिल्म से. उस के बाद टीवी सीरियल 'खानदान' की लोकप्रियता के " चलते भी मुझे शोहरत मिली. उस के बाद टर्निंग पौइंट आया दूरदर्शन से. मैं ने खुद 'दर्द', 'सांस', 'पलछिन', 'सिसकी', 'सोनपरी', 'सांझ', 'क्यों होता है प्यार जैसे सीरियलों का निर्माण किया. इन में से 'सांस' का निर्माण, लेखन व निर्देशन किया. 'दर्द' का भी निर्देशन मैं ने ही किया था. 'पलछिन' व 'सिसकी' का भी निर्देशन किया था लेकिन टीवी सीरियल 'सांस' को सब से अधिक सफलता मिली और इस से मुझे फायदा भी मिला. 'सांस' का निर्माण, लेखन व निर्देशन कर मुझे संतुष्टि मिली.
“मैं ने इस से नाम व धन दोनों कमाया. इस के बाद काम भी मिला. मैं ने कई सीरियल किए. उस के बाद मैं ने शादी कर ली और सोचा, कुछ समय आराम करूंगी क्योंकि मैं इतने वर्षों से लगातार दिनरात काम करती आ रही थी. मगर कुछ दिनों में ही समझ में आ गया कि आराम करना मेरे वश की बात नहीं है.
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