दीपोत्सव या घूसोत्सव
Sarita|November First 2023
वैसे तो उपहार बेलौस दिए जाते हैं लेकिन दीवाली के मौके पर दिए जाने वाले अधिकतर उपहारों के पीछे उपहारदाता के मन में कुछ और ही होता है.
भारत भूषण श्रीवास्तव
दीपोत्सव या घूसोत्सव

पिछले साल दीवाली के इन्हीं दिनों में कर्नाटक की भाजपा सरकार पर लगा यह आरोप काफी सुर्खियों में रहा था कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपने करीबी सहयोगियों के जरिए राज्य के कुछ पत्रकारों को मिठाई के डब्बों के साथ एक से ढाई लाख रुपए तक नकद भिजवाए थे. तब न केवल मीडिया बल्कि सोशल मीडिया पर भी मीम्स और प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गई थी. यूजर्स ने जम कर बसवराज बोम्मई को ट्रोल किया था. मामले में दिलचस्पी और हैरत तब और बढ़ी थी जब कुछ पत्रकारों द्वारा दीवाली उपहार या रिश्वत में मिला पैसा वापस कर देने की खबरें आई थीं.

कांग्रेस इस मुद्दे पर दिल्ली से ले कर बेंगलुरु तक हमलावर रही थी और सकपकाए मुख्यमंत्री सफाई देते रह गए थे. लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार हुई तो सहज लगा था कि दाल में कुछ तो काला था.

बात आईगई हो गई लेकिन दीवाली के तोहफों के एक और स्याह सच के साथ वह यह भी उजागर कर गई कि उपहाररूपी रिश्वतखोरी केवल सरकारी महकमों में ही आम नहीं है, मीडिया भी इस का हिस्सा है क्योंकि अपनी पहुंच और हैसियत के मुताबिक वह काफीकुछ बना और बहुतकुछ बिगाड़ भी सकती है. मीडिया की घटती विश्वसनीयता किसी सुबूत की मुहताज नहीं रह गई है लेकिन यह मामला एक शक को यकीन में बदल गया था कि क्यों दीवाली पर तोहफों के लेनदेन का रिवाज बढ़ रहा है.

उपहार उल्लू सीधा करने का जरिया

दीवाली पर उपहार देना बेहद आम बात है लेकिन अब यह रिश्वतखोरी का दूसरा नाम हो गया है क्योंकि मौका भी होता है, मौसम भी होता है और दस्तूर तो है ही. एक स्वस्थ परंपरा को भी कैसे घूसखोरी और घूसखोरों ने अपना उल्लू सीधा करने का जरिया बना लिया है, बड़े पैमाने पर इस की एक मिसाल अब से कोई 7 साल पहले तब सामने आई थी जब तत्कालीन केंद्रीय वित्त सचिव हसमुख अधिया को किसी ने दीवाली के तोहफे में सोने के 2 बिस्कुट भिजवाए थे. यह राज खुद हसमुख आधिया ने ही खोला था कि उन के राजस्व सचिव रहते किसी ने इतनी बड़ी घूस देने की हिमाकत की.

Esta historia es de la edición November First 2023 de Sarita.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición November First 2023 de Sarita.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE SARITAVer todo
कंगाली और गृहयुद्ध के मुहाने पर बौलीवुड
Sarita

कंगाली और गृहयुद्ध के मुहाने पर बौलीवुड

बौलीवुड के हालात अब बदतर होते जा रहे हैं. फिल्में पूरी तरह से कौर्पोरेट के हाथों में हैं जहां स्क्रिप्ट, कलाकार, लेखक व दर्शक गौण हो गए हैं और मार्केट पहले स्थान पर है. यह कहना शायद गलत न होगा कि अब बौलीवुड कंगाली और गृहयुद्ध की ओर अग्रसर है.

time-read
10 minutos  |
November First 2024
बीमार व्यक्ति से मिलने जाएं तो कैसा बरताव करें
Sarita

बीमार व्यक्ति से मिलने जाएं तो कैसा बरताव करें

अकसर अपने बीमार परिजनों से मिलने जाते समय लोग ऐसी हरकतें कर या बातें कह देते हैं जिस से सकारात्मकता की जगह नकारात्मकता हावी हो जाती है और माहौल खराब हो जाता है. जानिए ऐसे मौके पर सही बरताव करने का तरीका.

time-read
4 minutos  |
November First 2024
उतरन
Sarita

उतरन

कोई जिंदगीभर उतरन पहनती रही तो किसी को उतरन के साथ शेष जिंदगी गुजारनी है, यह समय का चक्र है या दौलत की ताकत.

time-read
10+ minutos  |
November First 2024
युवतियां ब्रेकअप से कैसे उबरें
Sarita

युवतियां ब्रेकअप से कैसे उबरें

ब्रेकअप के बाद सब का अपना अलग हीलिंग प्रोसैस होता है लेकिन खुद से प्यार करना और समय देना सब से जरूरी होता है.

time-read
4 minutos  |
November First 2024
इकलौते बच्चे को जरूरत से ज्यादा प्रोटैक्ट करना ठीक नहीं
Sarita

इकलौते बच्चे को जरूरत से ज्यादा प्रोटैक्ट करना ठीक नहीं

जिन परिवारों में इकलौता बच्चा होता है वे बच्चे की सुरक्षा के प्रति बहुत सजग रहते हैं. उसे हर वक्त अपनी निगरानी में रखते हैं. लेकिन बच्चे की अत्यधिक सुरक्षा उस के भविष्य और कैरियर को तबाह कर सकती है.

time-read
7 minutos  |
November First 2024
मेले मामा चाचू बूआ की शादी में जलूल आना
Sarita

मेले मामा चाचू बूआ की शादी में जलूल आना

शादी कार्ड में जिन के द्वारा लिखवाया गया होता है कि 'मेले मामा/चाचू की शादी में जलूल आना' उन प्यारेप्यारे बच्चों के लिए सब से बड़ी सजा हो जाती है कि वे देररात तक जाग सकते नहीं.

time-read
4 minutos  |
November First 2024
गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं
Sarita

गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं

महिलाएं बड़ी बड़ी बाधाएं पार कर उस मुकाम पर पहुंची हैं जहां उन का अपना अलग अस्तित्व, पहचान और स्वाभिमान वगैरह होते हैं. ऐसा आजादी के तुरंत बाद नेहरू सरकार के बनाए कानूनों के अलावा शिक्षा और जागरूकता के चलते संभव हो पाया. महिलाओं ने अब इस बात से साफ इनकार कर दिया कि वे सिर्फ बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं बने रहना चाहती हैं.

time-read
7 minutos  |
November First 2024
सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर
Sarita

सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर

वाराणसी के हिंदू मंदिरों से सांईं बाबा की मूर्तियों को हटाने की सनातनी मुहिम फुस हो कर रह गई है तो इस की अहम वजह यह है कि हिंदू ही इस मसले पर दोफाड़ हैं. लेकिन इस से भी बड़ी वजह पंडेपुजारियों का इस में ज्यादा दिलचस्पी न लेना रही क्योंकि उन की दक्षिणा मारी जा रही थी.

time-read
10 minutos  |
November First 2024
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5
Sarita

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5

1990 के बाद का दौर भारत में भारी उथलपुथल भरा रहा. एक तरफ नई आर्थिक नीतियों ने कौर्पोरेट को नई जान दी, दूसरी तरफ धर्म का बोलबाला अपनी ऊंचाइयों पर था. धार्मिक और आर्थिक इन बदलावों ने भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को बदल कर रख दिया, जिस का असर संसद पर भी पड़ा.

time-read
10 minutos  |
November First 2024
न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी
Sarita

न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी

भावनात्मक तौर पर 'न्याय की देवी' के भाव बदलने की सीजेआई की कोशिश अच्छी है, लेकिन व्यवहार में इस देश में निष्पक्ष और त्वरित न्याय मिलने व कानून के प्रभावी अनुपालन की कहानी बहुत आश्वस्त करने वाली नहीं है.

time-read
6 minutos  |
November First 2024