डोनाल्ड ट्रंप अब राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं
Sarita|January First 2024
जिन लोगों ने अमेरिका को समझने की कोशिश अभीअभी या कुछ वर्षों पहले ही शुरू की है उन्हें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम से ही लगता है कि अमेरिका उतना उदार है नहीं जितना उस के बारे में हल्ला मचाया जाता है. एक अदालती फैसले के बाद ट्रंप की उम्मीदवारी पर खतरा तो मंडराया है.
भारत
डोनाल्ड ट्रंप अब राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं

कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट की हैसियत अमेरिका में वही है। जो भारत में किसी भी हाईकोर्ट की होती है. इस नाते डोनाल्ड ट्रंप के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का मौका अभी है और तय है वे जाएंगे भी क्योंकि एक बार फिर दुनिया के सब से ताकतवर देश का राष्ट्रपति बन जाने का सपना वे देख रहे हैं और इस के लिए जीतोड़ मेहनत भी कर रहे हैं. कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अगले साल होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है.

मामला 6 जनवरी, 2021 को हुई कैपिटल हिल हिंसा का है, जिस में अदालत ने ट्रंप समर्थकों की भूमिका को ले कर यह फैसला सुनाया है. गौरतलब है कि पिछले चुनाव में हार के बाद ट्रंप समर्थकों ने व्हाइट हाउस से महज साढ़े तीन किलोमीटर दूर स्थित अमेरिकी संसद कैपिटल हिल को घेर लिया था और संसद में न केवल गोलीबारी की थी बल्कि तोड़फोड़ करते कई दफ्तरों पर कब्जा भी कर लिया था. इस हिंसा में एक पुलिस अधिकारी सहित 5 लोगों की मौत हुई थी. इस चर्चित मामले में 1,100 से भी ज्यादा लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए थे.

3 नवंबर, 2021 को घोषित नतीजे में जो बाइडेन को 306 और डोनाल्ड ट्रंप को 232 इलैक्टोरल वोट मिले थे. इस मामले की जांच के लिए बनाई गई कमेटी ने डोनाल्ड ट्रंप व उन के समर्थकों पर राष्ट्रपति चुनाव में हार के फैसले को पलटने, विद्रोह भड़काने, साजिश रचने, आधिकारिक कार्रवाई में बाधा डालने, झूठे बयान देने और देश को धोखा देने के आरोप लगाए थे. इस के बाद कमेटी ने मामले को जस्टिस विभाग के पास भेज दिया था. इस मामले में कुछ अभियुक्तों को अदालत पहले ही सजा दे चुकी है. एक ट्रंप समर्थक एनरिक टेरियो को तो वाशिंगटन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 22 साल की सजा बीती 5 सितंबर को सुनाई थी. यह शख्स कट्टर दक्षिणपंथी ग्रुप 'प्राउड वौयस' का मुखिया रहा है.

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