महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत असाधारण है। बीजेपी कुल 149 सीटों पर चुनाव लड़ी और 133 सीटों पर आगे चल रही है। यानी स्ट्राइक रेट 90%। इसी के साथ महाराष्ट्र में बीजेपी का अश्वमेध यज्ञ पूरा हुआ। 1990 में बाल ठाकरे की शिवसेना के साथ छोटे भाई की हैसियत से 42 सीटें जीतने वाली बीजेपी अकेले बहुमत के करीब है। वहीं, बालासाहेब के बेटे उद्धव की शिवसेना सिर्फ 20 सीटों पर सिमटती दिख रही है। हालांकि 5 महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे देखकर इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था। महाराष्ट्र के लोकसभा चुनावों को विधानसभावार कंवर्ट करें, तो कांग्रेस ने 63 सीटें जीती थीं, जो अब महज 15 सीटों पर सिमटती दिख रही है। वहीं, इस हिसाब से बीजेपी 79 से बढ़कर 133 सीटों पर पहुंच रही है।
1. मुंबई क्षेत्र: इस इलाके में मुंबई शहर और मुंबई उपनगर जिले हैं। इन दो जिलों में कुल 36 विधानसभा सीटें हैं। ये क्षेत्र पूरी तरह से शहरी है और देश की फाइनेंशियल कैपिटल है। 'हिंदुत्व' और 'मराठी अस्मिता' की राजनीति करने वाली शिवसेना यहीं न और बढ़ी है।
इस बार क्या हुआ: इस चुनाव यहां बीजेपी 15 सीटों पर और शिवसेना (शिंदे) 6 सीटों पर आगे है। वहीं एनसीपी (अजित) ने एक सीट पर बढ़त बनाई है।
2. विदर्भ क्षेत्र: इसमें कुल 11 जिले और 62 विधानसभा सीटें है। ये इलाका सूखे और पिछड़ेपन की मार झेल रहा है। महाराष्ट्र में होने वाले किसान आत्महत्या के आधे मामले यहीं होते हैं। बीजेपी और संघ का गढ़ रहा। नितिन गडकरी, देवेंद्र फडणवीस, सुधीर मुनगंटीवार जैसे बीजेपी के कद्दावर नेता यहीं से आते हैं। इस बार क्या हुआः इस चुनाव यहां बीजेपी ने एकतरफा बढ़त बनाई है और 39 सीटें जीतती नजर आ रही है। वहीं 4 सीटों पर शिवसेना (शिंदे) और 6 सीटों पर एनसीपी (अजित ) आगे हैं। में
3. कोंकण क्षेत्र: इस इलाके में ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों की कुल 39 सीटें हैं। समुद्र से लगे होने के कारण इसे कोस्टल रीजन भी कहते हैं। ये इलाका ज्यादातर शहरी है, जहां फैक्ट्री और इंडस्ट्री में काम करने वाले ज्यादातर लोग प्रवासी हैं। इस बार क्या हुआ: बीजेपी ने 16, शिवसेना (शिंदे) ने 16 और एनसीपी (अजित) ने 3 सीटों पर बढ़त बनाई है।
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