मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक
■ रीपो दर 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित, लगातार दूसरी बार नीतिगत दर में नहीं हुआ बदलाव
■ स्थायी जमा सुविधा दर 6.25 फीसदी पर और सीमांत स्थायी सुविधा द और बैंक दर 6.75 फीसदी पर अपरिवर्तित
■ वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 5.1 फीसदी किया
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति में नरमी और वृद्धि के बेहतर परिदृश्य को देखते हुए लगातार दूसरी समीक्षा बैठक में रीपो दर पर यथास्थिति बनाए रखने का आज निर्णय किया। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने मुख्य मुद्रास्फीति को 4 फीसदी पर लाने के अपने प्राथमिक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है, जिसे पिछले तीन वर्षों में कोविड-19 महामारी और यूरोप में युद्ध जैसे लगातार झटकों के कारण ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया और बैंक ऑफ कनाडा द्वारा दरों में इजाफा किए जाने के बावजूद आरबीआई ने लगातार दूसरी बार दर वृद्धि पर विराम लगाया है। आरबीआई ने अप्रैल में दर वृद्धि विराम लगाने से पहले मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रीपो दर में 250 आधार अंक का इजाफा कर 6.5 फीसदी कर दिया था। हालांकि आरबीआई ने जोर दिया था कि इसे दर वृद्धि पर रोक नहीं बल्कि विराम माना जाना चाहिए।
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