पिछले सप्ताह मुंबई के बाहरी इलाके में स्थित एक केमिकल फैक्टरी में आग लग गई थी। पिछले एक महीने के दौरान शहर के औद्योगिक इलाके में इस तरह आग की यह तीसरी बड़ी घटना थी। जिस फैक्टरी में आग लगी, वह औद्योगिक रसायन निर्माता सूचीबद्ध कंपनी इंडो-एमाइंस की इकाई है। इसका बाजार पूंजीकरण लगभग 900 करोड़ रुपये है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं लग पाया है। आग लगने के मामले की अभी जांच हो रही है, लेकिन कई हितधारकों और कारोबारी इकाइयों ने शहर में आग लगने के कई एक जैसे कारण बताए हैं। इनमें बिजली, शहर का बढ़ता दायरा, भीड़भाड़, विभिन्न प्रकार की सामग्री को अलग करने का गलत तरीका और इसमें आने वाला खर्च जैसे कई कारक शामिल हैं।
इंडो एमाइंस मुंबई महानगर के बाहरी इलाके में डोंबीवली के महाराष्ट्र औद्योगिक विकास कॉगरेशन (एमआईटीसी क्षेत्र में स्थित है। इस औद्योगिक क्षेत्र में मई के महीने में आग लगने की इसी प्रकार की घटनाओं में कम से कम दस जिंदगियां खत्म हो गईं।
मुंबई महानगरीय क्षेत्र में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास कॉरपोरेशन जैसे कई औद्योगिक क्षेत्र फैले हुए हैं। एक तो शहर के बीचों-बीच अंधेरी में ही है। इन सभी क्षेत्रों में आए दिन आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। इसके अतिरिक्त रिहायशी इलाकों एवं अन्य गैर औद्योगिक वाणिज्यिक इकाइयों में भी आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। आग लगने के साथ-साथ वाणिज्यिक इकाइयां वैध निर्माण की समस्या से भी जूझ रही हैं। उदाहरण के लिए, बीते मई में ही पूर्वी मुंबई के उपनगर घाटकोपर में पेट्रोल पंप पर लगे विशाल बिल बोर्ड के गिर जाने से कई लोगों की जान चली गई थी।
लगातार हो रहा शहर का विस्तार
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दिल्ली हवाई अड्डे पर फंसे यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कल
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जेप्टो का आईपीओ अगले साल आने के आसार
कंपनी ने हाल ही प्रमुख घरेलू निवेशकों से 35 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई है
जेप्टो भारत में सबसे तेजी से बढ़ती इंटरनेट कंपनी
क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो के सह संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी आदित पालिचा का कहना है कि हाल में जुटाई गई रकम घरेलू निवेशकों से जुटाई गई अब तक की सबसे बड़ी रकम में से एक है। इससे कंपनी को भारतीय निवेशकों को अधिक शेयरधारिता देने में मदद मिलेगी। कंपनी अगले वित्त वर्ष में कभी भी आईपीओ लाने की योजना बना रही है। आर्यमन गुप्ता और शिवानी शिंदे के साथ बातचीत में इस क्षेत्र पर सरकार की बढ़ती जांच, विस्तार योजनाओं और आईपीओ के बारे में चर्चा की गई। प्रमुख अंश...
कच्चे तेल एवं पेट्रोल-डीजल निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर खत्म
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बाजार में गिरावट से थोक सौदों में आई कमी
बाजार में अनिश्चितता बढ़ने से देसी शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के थोक सौदे भी कम हो रहे हैं। नवंबर में थोक सौदे यानी ब्लॉक डील घटकर 25,669 करोड़ रुपये रह गए जो 6 महीने में सबसे कम है। उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि बड़े संस्थागत खरीदारों की सौदे में कम दिलचस्पी को देखते हुए कई निजी इक्विटी फर्में, प्रवर्तक इकाइयां और अन्य निवेशक अपनी शेयर बिक्री योजना फिलहाल टाल दी हैं।
गतिरोध टूटा, संविधान पर होगी चर्चा
शीतकालीन सत्रः सभी दलों के नेताओं के साथ बिरला की बैठक में खुला चर्चा का रास्ता