अल्ट्राटेक देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी है और उसने इंडिया सीमेंट्स में यह हिस्सेदारी अरबपति निवेशक राधाकृष्ण दमानी और उनकी सहायक इकाइयों से खरीदी है। इंडिया सीमेंट्स के प्रवर्तक एन श्रीनिवासन और अन्य प्रवर्तक समूहों की 28 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो अब भी कायम है।
आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक ने इंडिया सीमेंट्स के 7.056 करोड़ शेयर 268 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे। इस तरह सौदा कुल 1,889 करोड़ रुपये में हुआ। शेयर खरीद के बाद अटकलें बढ़ गई हैं कि अल्ट्राटेक इंडिया सीमेंट्स का जबरिया अधिग्रहण करना चाह रही है। जबरिया अधिग्रहण तब होता है, जब कोई कंपनी किसी अन्य कंपनी पर उसके प्रबंधन की रजामंदी के बगैर नियंत्रण हासिल कर लेती है। अल्ट्राटेक ने इंडिया सीमेंट्स में 23 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है और एन श्रीनिवासन की अगुआई में प्रवर्तक समूह के पास केवल 28.42 फीसदी हिस्सा है। 23 फीसदी हिस्सेदारी लेने के बाद भी अल्ट्राटेक को इंडिया सीमेंट्स के लिए खुली पेशकश नहीं लानी पड़ेगी मगर कोई प्रतिस्पर्द्धा कंपनी इसके लिए बोली नहीं लगा सकेगी। माना जा रहा है कि अल्ट्राटेक का यह कदम एक नीति के तहत उठाया गया है। क्योंकि उसे दक्षिण भारत के बाजार में विस्तार के लिए अदाणी समूह से टक्कर लेनी पड़ रही थी।
अल्ट्राटेक और अदाणी समूह सीमेंट उद्योग में लगातार अधिग्रहण किए जा रहे हैं। इंडिया सीमेंट्स में हिस्सेदारी खरीदने के बाद बाजार में अल्ट्राटेक की पैठ और भी गहरी हो जाएगी।
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महाराष्ट्र में नई सरकार के लिए और बढ़ा इंतजार
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संभल मस्जिद में सर्वेक्षण पर रोक
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जैव विविधता संकट पर आंख खोलने की जरूरत
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