पांच साल में 500 दिग्गज कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का मौका
ऐंजल कर खत्म, वेतनभोगी वर्ग को नई कर व्यवस्था में आयकर राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लगातार सातवीं बार केंद्र सरकार का बजट पेश किया। हालांकि पांच साल पहले जब उन्होंने अपना पहला बजट पेश किया था, तबसे राजनीतिक और आर्थिक हालात काफी बदल चुके हैं। पिछले 10 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को सरकार चलाने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अपने सहयोगी दलों पर निर्भर रहना पड़ा है।
निर्मला सीतारमण के करीब 90 मिनट के भाषण में बदली सियासी हकीकत और लोक सभा के बदले रूप का असर साफ दिख रहा था। पहला, इस बार के बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश पर काफी ध्यान दिया गया है। केंद्र सरकार बिहार के जनता दल (यू) और अन्य क्षेत्रीय दलों तथा आंध्र प्रदेश की तेलुगू देशम पार्टी के सहयोग से चल रही है।
दूसरा, इस बार बजट में रोजगार, कृषि और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। तो एक तरह से यह मान लिया गया कि रोजगार और कृषि से जुड़े मसलों ने हाल के लोक सभा चुनावों के नतीजों को काफी प्रभावित किया है। वैसे तो चुनी हुई सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी गलती सुधारे, फिर भी ध्यान का यह जो केंद्र बदला है, वह आर्थिक रूप से भी समझदारी भरा है।
आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में बेरोजगारी दर में कमी आई है लेकिन रोजगार की गुणवत्ता अब भी चिंता की बात बनी हुई है। रोजगार का सृजन निजी क्षेत्र में किया जाना है। इसलिए वित्त मंत्री ने बजट में ऐसे कई ऐलान किए हैं जिनसे औपचारिक क्षेत्र में नौकरियों को प्रोत्साहन मिले। उदाहरण के लिए, कार्यबल में पहली बार शामिल होने वाले लोगों को एक माह की पगार देना और विनिर्माण क्षेत्र में कर्मचारी भविष्य निधि में योगदान के लिए सहयोग करना। इसके अलावा सरकार, देश की शीर्ष 500 कंपनियों में युवाओं की इंटर्नशिप के कार्यकम के लिए मदद देगी जिससे अगले पांच साल में करीब एक करोड़ युवाओं को फायदा होगा।
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महाराष्ट्र में नई सरकार के लिए और बढ़ा इंतजार
चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह बाद भी महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हो पाया है। महायुति गठबंधन में शामिल दलों के बीच मुख्यमंत्री पद और विभाग बंटवारे को लेकर उसी दिन से रस्साकशी चल रही है और कई दौर की वार्ताओं के बावजूद मामला हल नहीं हुआ है।
संभल मस्जिद में सर्वेक्षण पर रोक
'उच्च न्यायालय का रुख स्पष्ट होने तक कार्यवाही न बढ़े'
यूपीआई खाते में रखें कम पैसा, घटेगा जालसाजी का अंदेशा
नकद के बगैर खरीदारी और भुगतान की सुविधा देने वाले यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने आम लोगों की जिंदगी जितनी सरल की है, धोखाधड़ी की गुंजाइश भी उतनी ही बढ़ गई है। वित्त मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यानी सितंबर तक धोखाधड़ी की 6.32 लाख घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिनमें लोगों को 485 करोड़ रुपये का चूना लग गया था।
जैव विविधता संकट पर आंख खोलने की जरूरत
भारत ने हाल ही में कोलंबिया के कैली में जैव विविधता से जुड़े अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (सीबीडी) के 16वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-16) में भाग लिया है।
यूपीआई धोखाधड़ी का मुकाबला
बीते कुछ वर्षों में डिजिटल भुगतान लेनदेन में उल्लेखनीय इजाफा देखने को मिला है। बहरहाल, देश के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में इस असाधारण वृद्धि के साथ ही धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है।
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल आसियान की दुविधा
अमेरिकी व्यापार नीति आसियान अर्थव्यवस्थाओं को चीन के साथ गहन रिश्ते बनाने की ओर धकेल सकती है। दोनों के बीच की मुश्किलों के बीच भी यह संभव है। बता रही हैं अमिता बत्रा
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर डॉलर बॉन्ड पर
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर इस वित्त वर्ष के अंत में डॉलर बॉन्ड जारी करके 30 से 50 करोड़ डॉलर जुटाने पर है।
जीएसटी दरें बढ़ाकर राजस्व बढ़ाएं
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद को कर की दरें बढ़ाने पर गंभीरता से सोचना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि इससे न केवल कर राजस्व बेहतर होगा बल्कि मुआवजा उपकर की एक बार समाप्ति होने की स्थिति में नया शुल्क लगाने की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी।
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देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि अक्टूबर में सालाना आधार पर सुधर कर 3.1 प्रतिशत हो गई। सितंबर में यह आंकड़ा सुधरकर 2.4 प्रतिशत हुआ था।
दूसरी तिमाही में कृषि जीवीए हुआ बेहतर
अच्छे मॉनसून का असर ■ विशेषज्ञों की राय के मुताबिक इसने आने वाली तिमाहियों के बेहतर प्रदर्शन की नींव रखी