कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि आगामी 22 अगस्त को पार्टी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेगी। यह विरोध इस मांग के साथ किया जाएगा कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा हाल में लगाए गए आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाई जाए। पार्टी ने इन आरोपों को 'बड़ा अदाणी घोटाला' करार दिया है। पार्टी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन को हटाने की मांग भी करेगी।
राजधानी दिल्ली में आयोजित कांग्रेस महासचिवों, उसकी राज्य इकाइयों के प्रमुखों और राज्य प्रभारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 22 अगस्त को देश भर में पार्टी कार्यकर्ता प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालयों के बाहर अपनी इन मांगों के साथ प्रदर्शन करेंगे।
बैठक में आगामी विधान सभा चुनावों को लेकर पार्टी की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। आने वाले महीनों में झारखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में विधान सभा चुनाव होने हैं।
विधान सभा चुनावों को लेकर कांग्रेस राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना और संविधान के पालन को लेकर जन अभियान शुरू करेगी। पार्टी ने कहा कि इस दिशा में काम आरंभ हो चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक की अध्यक्षता की और इसमें राहुल गांधी समेत 56 नेता शामिल हुए। राहुल ने पत्रकारों से कहा कि वह जल्दी ही हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके कहा गया, 'कांग्रेस अदाणी मामले में जेपीसी जांच की मांग करती है जिसमें प्रधानमंत्री पूरी तरह शामिल हैं और अब पाया गया है कि वित्तीय बाजार नियामक की भी इसमें गंभीर संलिप्तता है।'
बैठक के बाद खरगे ने एक्स पर लिखा, 'सेबी और अदाणी के बीच गठजोड़ के हैरतअंगेज खुलासे की व्यापक जांच की आवश्यकता है। शेयर बाजार के छोटे निवेशकों के पैसे के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को तत्काल सेबी चेयरपर्सन का इस्तीफा मांगना चाहिए और जेपीसी गठित करनी चाहिए।
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