भारत में ईवी को रफ्तार
मारुति, ह्युंडै और महिंद्रा भी कर्मचारियों के लिए चला रहीं प्रशिक्षण कार्यक्रम
तमिलनाडु सरकार ने लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए विश्व बैंक से किया है गठजोड़
ईवी की कमजोर मांग को देखते हुए वैश्विक कंपनियां नौकरियों में कर रहीं कटौती
दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कमजोर मांग के साथ ही कुछ अन्य चुनौतियों को देखते हुए वाहन कंपनियां नौकरियों में कटौती करने लगी हैं। पिछले हफ्ते अमेरिका की वाहन विनिर्माता फोर्ड ने अपने यूरोपीय कार्यबल में करीब 14 फीसदी कटौती करने की घोषणा की है।
फोर्ड ने इस निर्णय के पीछे इलेक्ट्रिक वाहनों की कमजोर मांग, ईवी के लिए सरकार से ज्यादा सहायता नहीं मिलने और सब्सिडी प्राप्त चीन की कंपनियों से बड़ी प्रतिस्पर्धा का हवाला दिया है। इससे पहले निसान, स्टेलेंटिस और जनरल मोटर्स ने भी ईवी की कम मांग सहित अन्य चुनौतियों के कारण अपने खर्च में कटौती की है। उनका कहना है कि ईवी ग्राहकों के लिए काफी महंगा है।
हालांकि भारत की कहानी उलट तस्वीर पेश करती है। उद्योग पर नजर रखने वालों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल इंजन (आईसीई) वाले वाहनों की जगह ईवी को अपनाने से विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों पर असर पड़ने की आशंका नहीं है। उनका कहना है कि आर्थिक वृद्धि के साथ भारत में आईसीई वाहनों की भी मांग बढ़ रही है।
इसके साथ ही भारत में ईवी वाहनों की बिक्री भी तेजी से बढ़ रही है। वाहन विनिर्माता और राज्य सरकारें पहले से ही मौजूदा कर्मचारियों को ईवी तकनीक में कुशल बनाने के लिए पहल कर रही हैं ताकि रोजगार पर असर न पड़े।
Esta historia es de la edición November 27, 2024 de Business Standard - Hindi.
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खिलौनों से इलेक्ट्रॉनिकी तक 10 मिनट में
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चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रमुख जिंसों का निर्यात 5 फीसदी बढ़ा
भारतीय कमोडिटी के निर्यात में अब तेजी देखी जाने लगी है। चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीने में कुल कमोडिटी निर्यात में करीब है। कुछ गैर 5 फीसदी इजाफा हुआ बासमती चावल पर लगे प्रतिबंध से पहले कुल कमोडिटी निर्यात में सुस्ती देखी जा रही थी।
अपतटीय खनिज नीलामी की राह में कई चुनौतियाँ
कुल 13 ब्लॉकों में से गुजरात के तट के पास लाइम स्टोन के तीन जी3 ब्लॉकों में अनुमानित 171.2 करोड़ टन संसाधन मौजूद
सरकारी कंपनियों का सीएसआर पर खर्च 4 साल के उच्च स्तर पर
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सार्वजनिक उद्यमों के ताजा सर्वे के मुताबिक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च वित्त वर्ष 2024 में 19 प्रतिशत बढ़कर 4,911 करोड़ रुपये हो गया है।
आगाज पर चमके 5 कंपनियों के शेयर
शेयरधारकों को सूचीबद्धता पर 18 फीसदी से लेकर 159 फीसदी तक का फायदा हुआ
ईटीएफ, इंडेक्स फंड फोलियो बढ़े
इंडेक्स फंडों और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) ने 2024 में निवेश खातों में शानदार इजाफा दर्ज किया है। सेक्टोरल और थीमेटिक निवेश के प्रति उत्साह बढ़ने से इन फोलियो में तेजी देखने को मिली। इंडेक्स फंडों में निवेश खाते या फोलियो चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान दोगुने होने की ओर हैं जबकि ईटीएफ में फोलियो पहले ही 37 प्रतिशत बढ़ चुके हैं, हालांकि दिसंबर के आंकड़े अभी बाकी हैं। नवंबर में समाप्त 11 महीनों के दौरान पैसिव निवेश खंड में प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 23 प्रतिशत बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये हो गईं।
दिसंबर के पहले पखवाड़े में ऋण-जमा 11.5 फीसदी बढ़ा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 13 दिसंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में ऋण वृद्धि ने रफ्तार पकड़ी है।