इस पर सिंह ने अपनी स्वाभाविक शर्मीली मुस्कान के साथ कहा था, 'लेकिन मैं राजनीति में हूँ।' उनके इस जवाब के बाद चुप्पी छा जाती थी क्योंकि लोग शायद उन्हें इस तरह देखते ही नहीं थे।
तथ्य यही है कि मनमोहन सिंह एक राजनेता थे, भले ही वह इसे स्वीकार करने से बचते थे। इतना ही नहीं वह एक कुशल वार्ताकार थे। कुछ ही लोगों को याद होगा कि 2002 में जम्मू कश्मीर विधान सभा चुनावों के बाद कांग्रेस और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी के बीच गठबंधन को मूर्त रूप देने के लिए मनमोहन सिंह को ही भेजा गया था। उक्त संवेदनशील सीमावर्ती राज्य में शांति और स्थिरता की अहमियत को समझते हुए तथा सरकार को सही मायनों में जनता का प्रतिनिधित्व वाला बनाना सुनिश्चित करते हुए सिंह ने असंभव को संभव कर दिखाया था। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली कांग्रेस और मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली पीडीपी बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनाएँ। यह रिश्ता 2008 के विधानसभा चुनावों से छह महीने पहले टूट गया लेकिन इसके बावजूद वह एक ऐसी व्यवस्था कायम करवाने में कामयाब रहे जिससे जम्मू कश्मीर के लोगों का भरोसा जीता जा सके। यह बारी-बारी से मुख्यमंत्री चुने जाने का सबसे पहला और सफल प्रयोग था।
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लोकल सर्कल्स का सर्वेक्षण
खिलौनों से इलेक्ट्रॉनिकी तक 10 मिनट में
इस साल भारतीयों का सुविधा और तुरंत डिलिवरी के लिए प्यार बढ़ गया है और उपभोक्ताओं ने किराना के सामान के अलावा मेकअप और खिलौनों से लेकर वैक्यूम क्लीनर तक का ऑर्डर क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म से किया।
विश्व के नेताओं ने दी मनमोहन को श्रद्धांजलि
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चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रमुख जिंसों का निर्यात 5 फीसदी बढ़ा
भारतीय कमोडिटी के निर्यात में अब तेजी देखी जाने लगी है। चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीने में कुल कमोडिटी निर्यात में करीब है। कुछ गैर 5 फीसदी इजाफा हुआ बासमती चावल पर लगे प्रतिबंध से पहले कुल कमोडिटी निर्यात में सुस्ती देखी जा रही थी।
अपतटीय खनिज नीलामी की राह में कई चुनौतियाँ
कुल 13 ब्लॉकों में से गुजरात के तट के पास लाइम स्टोन के तीन जी3 ब्लॉकों में अनुमानित 171.2 करोड़ टन संसाधन मौजूद
सरकारी कंपनियों का सीएसआर पर खर्च 4 साल के उच्च स्तर पर
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सार्वजनिक उद्यमों के ताजा सर्वे के मुताबिक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च वित्त वर्ष 2024 में 19 प्रतिशत बढ़कर 4,911 करोड़ रुपये हो गया है।
आगाज पर चमके 5 कंपनियों के शेयर
शेयरधारकों को सूचीबद्धता पर 18 फीसदी से लेकर 159 फीसदी तक का फायदा हुआ
ईटीएफ, इंडेक्स फंड फोलियो बढ़े
इंडेक्स फंडों और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) ने 2024 में निवेश खातों में शानदार इजाफा दर्ज किया है। सेक्टोरल और थीमेटिक निवेश के प्रति उत्साह बढ़ने से इन फोलियो में तेजी देखने को मिली। इंडेक्स फंडों में निवेश खाते या फोलियो चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान दोगुने होने की ओर हैं जबकि ईटीएफ में फोलियो पहले ही 37 प्रतिशत बढ़ चुके हैं, हालांकि दिसंबर के आंकड़े अभी बाकी हैं। नवंबर में समाप्त 11 महीनों के दौरान पैसिव निवेश खंड में प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 23 प्रतिशत बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये हो गईं।
दिसंबर के पहले पखवाड़े में ऋण-जमा 11.5 फीसदी बढ़ा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 13 दिसंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में ऋण वृद्धि ने रफ्तार पकड़ी है।