देश के छोटे कस्बों और शहरों में ई-कॉमर्स और डायरेक्ट टू कंज्यूमर (डी2सी) कंपनियों का कारोबार खूब परवान चढ़ रहा है। पिछले साल टियर-II और टियर-III शहरों एवं ग्रामीण इलाकों में इन फर्मों के उत्पादों और सेवाओं की जबरदस्त मांग रही। ई-कॉमर्स फर्म मीशो के ऑर्डर में साल दर साल के हिसाब से 35 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। खास यह कि इनमें आधे से अधिक ग्राहक छोटे कस्बों-शहरों के थे। चुनौतीपूर्ण बाजार स्थितियों के बावजूद इस मंच ने हाल ही में लगभग 17.5 करोड़ वार्षिक यूजर्स के साथ लेन-देन का आंकड़ा छुआ। रोचक बात यह कि इसके 50 फीसदी उपभोक्ता आंध्र प्रदेश के नायडूपेटा, बिहार के शेरघाटी और कर्नाटक के हरपनहल्ली जैसे टियर-IV एवं इससे निचली श्रेणी के कस्बे से ताल्लुक रखते हैं। यह प्लेटफार्म ग्राहकों द्वारा शॉपिंग एप्लीकेशन को 21 करोड़ बार डाउनलोड के साथ लगातार चौथे वर्ष शीर्ष पर बना रहा।
ई-कॉमर्स कारोबार वृद्धि में सबसे अधिक योगदान लद्दाख, उत्तर प्रदेश और बिहार का रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि टियर-II प्लस बाजार में संभावनाओं के अनगिनत दरवाजे खुले हुए हैं। इससे यह भी पता चलता है कि देश में उपभोक्ताओं के व्यवहार में व्यापक स्तर पर बदलाव आ रहा है। अब लोग कीमती और गुणवत्ता वाली वस्तुओं पर पैसा खर्च करने में कंजूसी नहीं बरत रहे हैं। इससे छोटे कस्बों-शहरों में खपत बढ़ रही है।
मीशो को सौंदर्य एवं व्यक्तिगत देखभाल तथा घर और रसोई में इस्तेमाल होने वाले सामान की श्रेणी में मिलने वाले ऑर्डर में साल दर साल के हिसाब से 70 फीसदी उछाल आई है। मीशो मॉल पर इसी तरह का रुझान देखने को मिला है जहां ऐसे ऑर्डर 117 फीसदी बढ़े हैं। डिजिटल बाजार के बढ़ते दायरे से प्रमुख ब्रांडों के कारोबार में खासी तरक्की देखने को मिली है। इनमें लोटस में 6 गुना, जॉय में 5.5 गुना, रेनी में 3.5 गुना और डॉलर में 1.8 गुना व्यापार वृद्धि दर्ज की गई है।
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अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलिवन से मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर
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वर्ष 2025 के लिए तीन तमन्नाएँ
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