- चुनाव से पहले सरकार के एक और वादे पर नहीं हो रहा भरोसा
- 3 साल में 77 हजार से ज्यादा पात्र मिल मजदूरों को घर देने का है वादा
- वर्ष 2023 में 92 हजार लोग माने गए थे घर पाने के लिए पात्र
15 हजार मिल मजदूरों को दिए जा चुके हैं घर
जमीन की बढ़ती कीमतों के कारण मिल मजदूरों का मायानगरी मुंबई में अपने घर का सपना पूरा नहीं होगा। सरकार ने अब मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में मिल मजदूरों के लिए घर देने का फैसला किया है। कई वर्षों से इंतजार कर परेशान हो चुके मिल मजदूरों के संगठन ने भी इसे स्वीकार कर लिया है। इसके बाद सरकार दावा कर रही है कि वह अगले तीन वर्षों में 77 हजार से ज्यादा पात्र मिल मजदूरों को घर उपलब्ध करा देगी। बड़ी संख्या में ऐसे मिल मजदूर हैं, जो आय के साधन खत्म होने के बाद पुणे, कोल्हापुर, सोलापुर जैसे अपने पुश्तैनी घरों में लौट गए हैं। इन मजदूरों को उनके इलाकों में ही म्हाडा के जरिए घर उपलब्ध कराए जाएंगे, लेकिन मिल मजदूर इसे लेकर असमंजस में हैं।
बिना घर मिले प्रक्रिया से बाहर हुए हजारों मजदूर
Esta historia es de la edición March 20, 2024 de Dainik Bhaskar Mumbai.
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