कतर ने जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया है। इनमें से सात स्वदेश लौट आए हैं। इन्हें कथित जासूसी के एक मामले में पिछले साल अक्तूबर में मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, रिहाई से 46 दिन पहले मृत्युदंड की सजा को अलगअलग अवधि के कारावास में तब्दील कर दिया गया था।
माना जा रहा है कि नौसेना के इन पूर्व कर्मियों के खिलाफ कतर में जासूसी के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, न तो कतर के प्रशासन और न ही भारतीय अधिकारियों की तरफ से इस बात को सार्वजनिक किया गया है कि इन लोगों के खिलाफ असल में क्या आरोप थे। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सोमवार को आठ पूर्व नौसेना कर्मियों की रिहाई की जानकारी मीडिया को दी। क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रूप से इस मामले के घटनाक्रम की निगरानी की है। यह उनके निजी दखल से ही संभव हो सका है।
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