आइये एक बार फिर से पिछली बार के टॉपिक के कुछ अंश को दोहराते हैं ताकि हमें आगे समझने में आसानी हो। लेंस करेक्शन का यूज़ लेंस की वजह से पैदा हुए डिस्टर्बेसेस को करेक्ट करने के लिए होता है। लेंस की वजह से कई तरह के डिस्टर्बेसेस क्रिएट होते हैं जैसे की लेंस डिस्टॉरशन, क्रोमेटिक अब्रेशन, विजनेटिंग व अन्य। तो आज हम लेंस करेक्शन के सब टॉपिक "लेंस डिस्टॉर्शन" को डिसकस करेंगे और समझने की कोशिश करेंगे कि किन-किन कारणों से यह डिस्टॉर्शन लेन्सेस में आते हैं। फोटोग्राफी में दो तरह के डिस्टॉर्शन पाए जाते हैं 1. ऑप्टिकल एवं 2. पर्सपेक्टिव, और दोनों ही डिस्टॉर्शन में किसी न किसी तरह की डेफोर्मिटी आपको दिखाई देगी। यहाँ डेफोर्मिटी का मतलब इमेज का वैसा नहीं दिखने से हैं जैसा कि उसको दिखना चाहिए। बेसिकली डिस्टॉर्शन में आपके सब्जेक्ट का शेप चेंज हो जाता है। क्यूंकि फोटोग्राफी वर्ल्ड में अलग-अलग यूजेस और पर्सपेक्टिव के अकॉर्डिंग ही अलग-अलग तरह के लेन्सेस डिजाइन्स किये जाते हैं, इसीलिए कुछ लेन्सेस में डिस्टॉर्शन के इश्यूज दिखाई देते हैं।
फोटोग्राफी में सामान्यतः डिस्टॉर्शन का मतलब ऑप्टिकल अब्रेशन से होता है जिसमें कि आपकी इमेज सीधी दिखने के बजाए किनारों से कर्व दिखती है। इसीलिए ऐसे डिस्टॉर्शन को हम "करविलिनिअर डिस्टॉर्शन" कहते हैं। तीन तरह के ऑप्टिकल डिस्टॉर्शन सामान्यतः माने जाते हैं, पहला है "बैरल" दूसरा "पिन्कुशन" और तीसरा "मुस्टेश"।
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नेमाई घोष (1934-2020)
महान विभूतियाँ - नेमाई घोष
टूल्स ऑफ लाइटरूम - "लेंस करेक्शन"
पिछली बार हम सब ने लाइटरूम के टॉपिक \"लेंस करेक्शन\" को समझने की कोशिश की थी और यह जाना था कि लेंस करेक्शन टूल का यूज़ कहाँ-कहाँ और किन-किन परिस्थितियों में किया जाता है।
कैनन EOS R6 Mark II नई शूटिंग सुविधाओं के साथ
कैनन ने अपने नवीनतम फुल फ्रेम कैमरा EOS R6 Mark II और नए RF 135mm f/1.8LIS USM लेंस के साथ मिररलेस कैमरा लाइन-अप का विस्तार किया है। EOS R6 Mark II को वीडियो शूटिंग के प्रदर्शन में सुधार और नई शूटिंग सुविधाओं के साथ डिज़ाइन किया गया है। नया कैमरा वीडियोग्राफरों और फोटोग्राफरों की बहुत आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक कॉम्पैक्ट बॉडी में कई बेहतर उन्नत सुविधाओं और कार्यक्षमता की पेशकश करता है।
जेठालाल एच. ठक्कर (1923 - 2003)
महान विभूतियाँ
टूल्स ऑफ लाइटरूम - "लेंस करेक्शन"
पिछली बार हम सब ने लाइटरूम के टॉपिक \"लेंस करेक्शन\" को समझने की कोशिश की थी और यह जाना था कि लेंस करेक्शन टूल का यूज़ कहाँ-कहाँ और किन-किन परिस्थितियों में किया जाता है।
कैनन EOS R श्रृंखला का APS-C में विस्तार
कैनन EOS R अपने मिररलेस टेक्नोलॉजी में पहली बार APS-C सेंसर के साथ EOS R10 को मार्केट में लाँच किया है। EOSR10 दो नये RF-S लेंस RF-S18-45mm f/4.5-6.3 IS STM और RF-S18-150mm f/3.5-6.3 IS STM के साथ आया है जोकि आपको APS-C सेंसर की नई खूबियों को इस्तेमाल करने में पूर्ण रूप से मददगार है। EOS R10 अपने नये 24.2 मेगापिक्सल CMOS (APS-C) सेंसर से लैस है जो हाई स्पीड शूटिंग में मैकेनिकल शटर 15 fps, इनबिल्ट फ्लैश के साथ हल्का और कॉम्पैक्ट वजन, 4K और फुल HD वीडियो, स्लो मोशन व वर्टिकल वीडियो शूट करने की सुविधा, साथ में मूवी डिजिटल IS, स्थिर वीडियो शूट करने जैसे फीचर्स से सुसज्जित है। यह एक कंटेंट क्रियेटर लोगों के लिये उनकी क्रिएटीविटी को अगले स्तर तक ले जाने के लिये एक आदर्श कैमरा है।
हरि महिधर (1942 - 2022)
महान विभूतियाँ
टूल्स ऑफ लाइटरूम - "लेंस करेक्शन”
पिछली बार हम सब ने लाइटरूम के टॉपिक \"लेंस करेक्शन\" को समझने की कोशिश की थी और यह जाना था कि लेंस करेक्शन टूल का यूज़ कहाँ-कहाँ और किन-किन परिस्थितियों में किया जाता है।
कैनन EOS R श्रृंखला का APS-C में विस्तार
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एडवांस फोटोग्राफी - टिप्स व टेक्निक्स
पुस्तक समीक्षा