1. मैथिली रामायण
प्रसंग - रावण का श्वेत द्वीप जाना और पराजित होना
चन्द्रा झा कृत मैथिली रामायण का एक अलग ही महत्व है। प्रस्तुत प्रसंग रावण के श्वेत द्वीप जाने और पराजित होकर श्रीराम के हाथ मरने की कामना करने से जुड़ा अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग इस रामायण की अनेक विशेषताओं में से एक है।
श्रीराम के राज्याभिषेक के उपरान्त महर्षि अगस्त्य ने रावण के जन्म का इतिहास बताया कि एक समय की बात है कि रावण मद में चूर होकर युद्ध करने की इच्छा से देश-देश घूमने निकल पड़ा।
नारद मुनि सौ दरशन आदि। पुछलनि तनिकां तट में आदि।।
हमर समान कतय बलधाम। जत हम करब घोर संग्राम।।
मुनि कहलनि आछि श्वेतद्वीप। पुष्पक-रथ पथ सकल समीप।।
विष्णुभक्त वा तत्कर-मरण। श्वेतद्वीप तनिक हो शरण।।
(मैथिली रामायण, उत्तरकाण्ड, अध्याय 4-2 से 5)
Esta historia es de la edición October 02, 2022 de Panchjanya.
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