सत्ता पाने के लिए मुसलमानों को किस तरह से खुश करने का प्रयास होता है, यह देखना हो तो आप बिहार आ सकते हैं। बिहार सरकार बड़ी बेशर्मी के साथ मुस्लिम तुष्टीकरण में लगी है। मोकामा और गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव से ठीक पहले 1,294 उर्दू अनुवादकों और अन्य उर्दू- कर्मियों की नियुक्ति की गई। स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन लोगों को नियुक्ति पत्र दिया। इस अवसर पर उन्होंने मुसलमानों के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, "जब वे सरकार में आए थे, तब बिहार में 1,128 मदरसे हुआ करते थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 1,942 हो गई है। पहले मदरसों में शिक्षकों के वेतन भुगतान के साथ-साथ ढांचागत सुविधाओं की कमी थी । हमारी सरकार ने इन सबको ठीक किया। अब मदरसा शिक्षकों को भी मान्यता प्राप्त शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जा रहा है।" नीतीश कुमार ने उर्दू अनुवादकों से यह भी कहा कि आप जहां भी रहें, वहां लोगों को उर्दू सिखाएं।
नीतीश कुमार ने बिहार में मुस्लिम महिलाओं के लिए हु कार्यक्रम की भी शुरुआत की है। अब तक 1, 13,000 मुस्लिम महिलाओं को अलग-अलग प्रकार के कार्यों का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा 2012-13 में 'अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना' की भी शुरुआत की गई। नीतीश कुमार स्वयं स्वीकार करते हैं कि उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड के लिए काफी काम किए हैं। अब यह भी चर्चा है कि सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड की जमीन पर मुसलमानों के लिए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इन दोनों बोर्ड से अपील की है कि वे जल्दी से जल्दी जमीन उपलब्ध कराएं, ताकि निर्माण कार्य पूरा हो सके।
नीतीश कुमार मुस्लिम तुष्टीकरण में कितने डूबे हुए हैं, इसका एक और उदाहरण देखकर आप दंग रह जाएंगे। बिहार में कोई लड़की इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करती है, उसे 25,000 रु., लेकिन मुस्लिम लड़की को 40,000 रु. दिए जाते हैं।
तुष्टीकरण का इतिहास
Esta historia es de la edición November 20, 2022 de Panchjanya.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición November 20, 2022 de Panchjanya.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे
शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !
कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे
फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
होली का रंग तो बनारस में जमता था
होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश
आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है
नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया
नाकाम किए मिशनरी
भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई