"....ऐसा कहर आए कि आशिक इश्क भूल जाएं”
Panchjanya|December 18, 2022
देश के अलग-अलग इलाकों से बीते कुछ समय में दर्जनों ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं, जिनमें जिहादियों ने बर्बरता की सीमा पार की श्रद्धा के 35 टुकड़े किए गए तो कहीं किसी लड़की को जलाकर, उसके स्तन काटकर और सिर तन से जुदा कर मार डाला गया। इस राक्षसी मनोवृत्ति पर उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि पुलिस को ऐसी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए कि वह एक उदाहरण बन जाए। पाञ्चजन्य संवाददाता अश्वनी मिश्र ने उनसे इन घटनाओं के पीछे की मानसिकता, कारण आदि पर विस्तृत बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश:-
अश्वनी मिश्र
"....ऐसा कहर आए कि आशिक इश्क भूल जाएं”

■ गिरिजा टिक्कू से लेकर श्रद्धा, रूपाली, अंकिता, निकिता, मनीषा, तो दूसरी तरफ उमेश कोल्हे और कन्हैयालाल। हत्या की इन सभी घटनाओं में जिहादियों ने निर्ममता की हद पार की है। किसी को आरे से काटा गया तो किसी की नाक, कान, गला, सिर, पैर और यहां तक कि स्तन तक को काट डाला गया। इस बर्बर मानसिकता को आप कैसे देखते हैं? 

निश्चित ही ये सभी हत्याएं जघन्यता की श्रेणी में आती हैं इन सभी घटनाओं ने देश को हिलाकर रख दिया है। मैं मानता हूं कि इसके पीछे चिंतन की जरूरत है। ऐसी घटनाएं एक मनोरोग और कुत्सित मनोवृत्ति का परिणाम होती हैं। एक कुशल विवेचक का यह कार्य होता है कि हत्यारे की आंख के पीछे जाकर देखे कि उसके दिमाग में क्या चला है । हत्या कोई भी हो, बुरी है। चाकू से लेकर आग्येनास्त्र द्वारा तक । लेकिन शव को टुकड़े करने, आरे से चीरने, अंग-भंग करके क्षत-विक्षत करने के पीछे एक प्रतिशोध, आक्रोश, मानसिक विकलांगता का लक्षण दिखाई देता है। क्या दिमाग की वायरिंग इस तरह से हुई है कि एक नजीर बनाकर हत्या करें? क्योंकि मुगल काल को देखें तो उसमें सजा-ए-मौत मौत सिर्फ एक सजा की तरह नहीं दी जाती थी। हाथी से कुचलवाकर, आग से जलाकर, कढ़ाह में तल करके, दीवार में चुनवाकर सजा दी जाती थी। वे चाहते तो फांसी चढ़ाकर सजा दे सकते थे, लेकिन वे ऐसा नहीं करते थे। उनके सलाहकार बताते थे कि ऐसी सजा दी जाए जिससे लोग थर्रा जाएं। सजा नजीर बने। आज भी वही कुत्सित मानसिकता चली आ रही है, इसलिए चिंता का विषय है। मेरा पुलिस विभाग और मनोविज्ञानियों को परामर्श है कि वे अपराधियों की इस मनोवृत्ति के पीछे जाएं और पता लगाएं कि ऐसी निर्मम मानसिकता के पीछे क्या तत्व हैं। इनके दिमाग में कौन जहर भर रहा है। 

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